आज के समय में देखा जाये तो ज़्यादातर लोगों को मेहनत से लगाव नहीं है। आज भी धरती पर बहुत से ऐसे लोग पाए जाते हैं जो हमेशा आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं। लेकिन रायबरेली के हरचंदपुर के रहने वाले 98 वर्षीय विजय पाल सिंह आज भी महज इसलिए चने की दुकान लगाते हैं जिससे उनके बच्चों पर उनका बोझ न पड़े। विजय पाल इस उम्र में भी चने का ठेला लगाते हैं और जो थोड़ी-बहुत कमाई होती है, उससे अपना पेट पालते हैं।
खुद अपने दम पर वह अपना गुजारा करते हैं किसी के आगे हाथ नहीं बढ़ाते। विजय के दो बेटे हैं। दोनों की शादी हो चुकी है और वह अपने परिवार के साथ रहते हैं। लेकिन विजय पाल महज इसलिए दुकान लगाते हैं, जिससे कि उनका बोझ उनके बच्चों पर ना पड़े और वो अपनी पेट खुद भर सकें।
कई बार न हम उम्र का हवाला देते हुए कई चीज़ें करने से बचते हैं लेकिन इस बुजुर्ग़े ने मेहनत को ही अपना साथी बनाया है। विजय पाल सिंह का चने बनाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वहां के डीएम वैभव श्रीवास्तव खुद उनके पास पहुंचे। डीएम ने बुजुर्ग को सम्मान के साथ अपने कार्यालय बुलाया। यहां उन्होंने विजय पाल को 11 हजार नकदी, छड़ी, शाल सहित शौचालय और पात्र गृहस्थी का राशन कार्ड भी बनवाकर दिया।
आज भी कई लोगों का मानना है कि जब तक हाथ पैर सही सलामत है उनको आत्मनिर्भर बनना होगा और दूसरों की जरूरत नहीं लेनी चाहिए। रायबरेली के हरचंदपुर के रहने वाले विजय पाल सिंह की उम्र 98 साल है। वह उम्र के इस पड़ाव में भी चने की दुकान लगाते हैं। दिन भर जो कमाई होती है, दो वक्त का खाना खाते हैं। विजय पाल का चने की दुकान के साथ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद डीएम वैभव खुद उनसे मिलने पहुंचे।
हर युवा वर्ग को इनसे बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। हमें इनसे मेहनत करने की सीख लेनी चाहिए।