रक्षाबंधन आने वाला है और कई दिन पहले ही बहने आपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए तैयारियां शुरु कर देती हैं। इस बार भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा। इस साल बृहस्पति और चंद्रमा की मंगलकारी युति से वैभव और प्रतिष्ठा प्रदान करने वाला गजकेसरी योग बनेगा। दिनभर मंगलकारी धनिष्ठा नक्षत्र और शोभन योग में बहने भाई की कलाई पर रेशम की डोर बांध सकेगी। अशुभ फल प्रदान करने वाली भद्रा सुबह 6.17 बजे समाप्त हो जाएगी।
\रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी आयु की कामना करती है। पर्व पर इसबार विशेष महत्व रखने वाला श्रावणी नक्षत्र नहीं रहेगा। ज्योतर्विदों के मुताबिक माना जाता है कि गजकेसरी योग वैभव व प्रतिष्ठा प्रदान करता है। इसे मकान, वाहन जैसी सुख-सुविधाओं को देने वाला माना गया है। रक्षाबंधन पर इस योग का बनाना भाई-बहनों के लिए कल्याणकारी है।
इस बार रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को पूरे दिन राखी बांध सकेंगी। पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त शनिवार को शाम 7.02 बजे से शुरू होकर अगले दिन 22 अगस्त रविवार को शाम 5.33 बजे तक रहेंगी। उदया तिथि में पू्र्णिमा 22 अगस्त को होने से एक मत से रक्षाबंधन इसी दिन मनाया जाएगा। 22 अगस्त को भद्रा सुबह 6.17 बजे ही समाप्त हो जाएगी। इसके बाद भद्रा नहीं होने से सुबह से पूर्णिमा तिथि के समापन तक दिनभर राखी बांधी जा सकेगी।
कई ग्रहों के प्रभाव से भाई-बहन के प्यार वाले त्योहार पर बुरी नजर पड़ती है। जिनमें से एक भद्रा भी है। इस बार ऐसा कुछ नहीं है। इस बार श्रावणी नक्षत्र एक दिन पहले 21 अगस्त को ही समाप्त हो जाएगा। राखी बांधने का श्रेष्ठ समय सुबह 7.46 से दोपहर 12.30 और फिर दोपहर 2.06 से शाम 3.40 बजे तक रहेगा।
पूर्णिमा की तिथि पंचांग के अनुसार पूर्णिमा 21 अगस्त शनिवार को शाम 6:15 बजे शुरू होगी, जो 22 अगस्त की शाम 5:01 मिनट तक रहेगी। अबकी बार राखी बांधने के लिए 12 घंटे का मुहूर्त रहेगा।