रक्षाबंधन भाई – बहनों के प्यार का प्रतीक पर्व है। इस पर्व पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। शायद इसीलिए राखी को रक्षासूत्र भी कहा जाता है। कोविद काल में देश की रक्षा का कर्तव्य डॉक्टरों के द्वारा निभाया गया है।
डॉक्टर्स को इस महामारी के दौरान योद्धा का नाम भी दिया गया है। रक्षाबंधन के पवित्र पर्व पर “पहचान एनजीओ” की टीम ने डॉक्टर्स को राखी (रक्षासूत्र) बांधकर देश की रक्षा करने के लिए उनका धन्यवाद ज्ञातिप किया।
गौरतलब है कि महामारी के संक्रमण के कारण जब सारे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया था, सभी के काम धंदे को बंद कर दिया गया था, ताकि संक्रमण से बचा जा सके। उस समय केवल डॉक्टर ही थे जो अपनी जान को जोखिम में डालकर निरंतर मरीजों की सेवा में लगे रहे।
उस दौरान डॉक्टर्स दिन रात बिना अपनी और अपने परिवार की चिंता किए बगैर मरीजों की देखभाल में जुटे रहे। जिस प्रकार बॉर्डर पर सैनिक देश की सुरक्षा में निरंतर खड़े रहते हैं, उसी प्रकार महामारी में डॉक्टर्स ने भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया।
महामारी के बीच जिस प्रकार डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ के लोग आम जन की मदद करने में लगे रहे, अपनी जान की फिक्र के बगैर भी लगातार अपने फर्ज को निभाते रहे, उसके लिए उन सभी का धन्यवाद तो बनता ही है, यह धन्यवाद उन्हें पहचान एनजीओ की टीम ने उन्हें राखी बांध कर दिया।
पहचान एनजीओ की टीम द्वारा डॉक्टर्स को धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को “रक्षा फॉर कोविद वरियर्स विद न्यू बंधन” का नाम दिया गया। इस कार्यक्रम में पहचान एनजीओ की टीम ने डॉक्टर को राखी बांधकर महामारी के बीच हमारी रक्षा करने के लिए शुक्रिया अदा किया।
डॉक्टर्स ने भी उन्हें रिटर्न गिफ्ट दिए। इस कार्यक्रम की आयोजकता “सर्वोदय अस्पताल सेक्टर – 8” के कार्तिक तनेजा, अनुज पाठक व विधि गोयल ने की। आयोजन में डॉक्टर सुमंत गुप्ता, डॉ मुकेश गर्ग, डॉ वी आर गुप्ता, डॉक्टर सौरभ गहलोत व डॉ वेद प्रकाश उपस्थित रहे।