भाई के दूर होने पर बहन उसकी प्रतिमा को बांधती है राखी, देश के लिए हुआ था कुर्बान

0
478

बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता, भाई के दूर होने पर भी प्यार कम नहीं होता। छत्तीसगढ़ में एक बहन ऐसी भी है जिसका भाई अब इस दुनिया में नहीं रहा, वह देश के लिए कुर्बान हो गया, लेकिन बहन ने आज भी उसे रक्षा सूत्र बांधना नहीं छोड़ा।

साल 2014 में एक सर्च ऑपरेशन के दौरान छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में कॉस्टेबल राजेश गायकवाड शहीद हो गए थे। इस साल उनके निधन के पूरे सात साल हो गए हैं। लेकिन उनकी बहन शांति उदके के जहन में उनका भाई अब भी जिंदा है। वह बीते हर साल रक्षा बंधन के दिन भाई की प्रतिमा को राखी बांधती हैं और इस साल भी उन्होंने अपने भाई की याद में उनकी प्रतिमा को राखी बांधी।

भाई के दूर होने पर बहन उसकी प्रतिमा को बांधती है राखी, देश के लिए हुआ था कुर्बान

बता दें कि राजेश गायकवाड की पोस्टिंग सुकमा के टोंगपाल क्षेत्र में हुई थी, जब 11 मार्च, 2014 को नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी थी। गायकवाड की बहन शांति ने अपने भाई को याद करते हुए कहा कि भाई के साथ उनका बहुत ही करीबी रिश्ता था। वे टोंगपाल में तैनात थे।

भाई के दूर होने पर बहन उसकी प्रतिमा को बांधती है राखी, देश के लिए हुआ था कुर्बान

हालांकि 2014 में एक खोज ऑपरेशन के दौरान उनका निधन हो गया था। भाई के निधन से उनको बहुत बुरा लगता है कि अब वह व्यक्तिगत रूप से अपने भाई को राखी नहीं बांध सकती। उन्हें अपने भाई पर बहुत गर्व है। वह मेरा इकलौता भाई था।

आज देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन शांति को अपने भाई की कमी बहुत महसूस होती है। साथ ही उन्हें इसका भी एहसास है कि उनका भाई देश के लिए शहीद हुआ है। उन्हें उस पर गर्व है। इसलिए वे हर साल रक्षाबंधन के दिन भाई को याद करते हुए उसकी प्रतिमा को राखी बांधती हैं।

भाई के दूर होने पर बहन उसकी प्रतिमा को बांधती है राखी, देश के लिए हुआ था कुर्बान

आपको बता दें कि 2018 में इसी महीने की शुरुआत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। इसमें विशेष महानिदेशक (एंटी-नक्सल ऑपरेशन) डीएम अवस्थी ने कहा था कि जनवरी 2016 से सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक 518 एनकाउंटर किए हैं और 678 हथियारों को जब्त किया है।

अवस्थी ने आगे बताया कि जनवरी 2016 से अब तक कुल 2,734 नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 1,852 नक्सलियों ने सरकार की आत्मसमर्पण नीति के कारण पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई सालों में नक्सलियों से संबंधित घटनाओं में कुल 137 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है।