सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों में कमी का क्या है असली कारण ?

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प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा सीएम विंडो की शुरुआत की गई। प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त हो सके इसके लिए सीएम ने प्रत्येक जिले में इसकी शुरुआत की। 7 साल पहले शुरू हुई इस सीएम विंडो पर अब शिकायतें आनी कम हो गई हैं। मनोहर लाल ने साल 2014 में सत्ता में आते ही सीएम विंडो को शुरू किया था, ताकि प्रदेश के लोगों की समस्याओं का समाधान घर बैठे ही किया जा सके।

विंडो पर आने वाली शिकायतों की कारवाई के लिए सीएम ने अधिकारियों को तैनात किया हुआ है। ओएसडी भूपेश्वर दयाल को ग्रीवेंस का जिम्मा सौंपा गया है जबकि सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों की मॉनिटरिंग आईएएस डॉक्टर राकेश गुप्ता द्वारा की जाती है। आईएएस राकेश गुप्ता ही इसके इंचार्ज भी हैं। सरकार द्वारा राजनीति लोगों को सीएम विंडो के लिए सीएम के प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया गया है। ये नियमित रूप से विंडो पर आने वाली शिकायतों का रिव्यू करते हैं।

सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों में कमी का क्या है असली कारण ?

गौरतलब है कि 25 दिसंबर, 2014 को शुरू की गई सीएम विंडो पर पहले ही वर्ष में 31 दिसंबर तक 4087 शिकायतें आईं थीं। फिर इसके बाद, वर्ष 2015 में एक लाख 22 हजार 99 शिकायतें, वर्ष 2016 में एक लाख 21 हजार 590 व वर्ष 2017 में एक लाख 49 हजार 793 शिकायतें सीएम विंडो पर आईं। जबकि यह आंकड़ा वर्ष 2018 में एक लाख 54 हजार 502 तक पहुंच गया।

वर्ष 2019 में सीएम विंडो पर एक लाख 46 हजार 114 शिकायतें आईं तो वहीं पिछले साल 99 हजार 31 शिकायतें दर्ज की गईं। इस वर्ष सीएम विंडो पर 17 अगस्त तक 74 हजार 49 शिकायतें आईं हैं। अब तक कुल आठ लाख 71 हजार 265 शिकायतें सीएम विंडो पर आ चुकी हैं। सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों की संख्या में भले ही कमी आई हो, लेकिन इसका कारण समस्याओं का समाधान नहीं बल्कि शिकायतों की न होने वाली सुनवाई को बताया गया है।

सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों में कमी का क्या है असली कारण ?

कांग्रेसी विधायक जगबीर मालिक ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सीएम विंडो पर लोगों की शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि विंडो पर लोगों को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है, इसलिए लोगों ने परेशान होकर शिकायतें करना ही बंद कर दिया है।

सरकार द्वारा जांच की गई रिपोर्ट के अनुसार सीएम विंडो पर आने वाली सर्वाधिक शिकायतें पुलिस के खिलाफ दर्ज की गई हैं। सीएम विंडो की शुरुआत के समय ही पहले वर्ष में ही 722 शिकायतें पुलिस के खिलाफ आईं, उसके बाद दूसरे वर्ष में 29 हजार 51, तीसरे वर्ष 26 हजार 987 व चौथे वर्ष 39 हजार 371 तथा इस वर्ष अब तक 17 हजार 887 शिकायतें पुलिस के खिलाफ दर्ज की जा चुकी हैं।

सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों में कमी का क्या है असली कारण ?

प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि हरियाणा में सीएम विंडो पर सफल प्रयोग चल रहा है। उनका कहना है कि लोग पहले अपना पैसा व समय बरबाद करके चंडीगढ़ आते थे, जबकि अब वे अपने ही जिले में न केवल शिकायतें कर रहे हैं, बल्कि शिकायत करने पर कारवाई भी की जा रही है। विंडो पर आने वाली शिकायतों का समय समय पर रिव्यू किया जा रहा है तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष महामारी के कारण शिकायतों में कमी आई थी।