सड़कों पर आजकल आम गाड़ियां कम और मोडिफाई व्हीक्लस ज्यादा दिखाई देती हैं। मोटरसाइकिल गाड़ियों के अलग अलग ब्रैंड्ज़ के बाइक का सैलेंसर लोगों का सरदर्द बन चुका है। समस्या इतनी बध गई है की अगर मॉडिफ़ाई किए हुए सैलेंसर वाली बाइक अगर आपके बग़ल या मुहल्ले से गुजर जाए तो सरदर्द उठना तय है। इसपर लगाम लगाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है। शायद अब इस आदेश से जनता को बड़ी राहत मिल सकती है।
उनकी आवाज कानों में खूब चुभती है लेकिन कोर्ट ने साफ़ कहा है कि मोटर व्हीकल अधिनियम के प्रवधानो को ताक पर रख कर मनमर्ज़ी से आवाज़ पैदा करने वाले वहनमालिको को अब बदलाव करने की ज़रूरत है, नहीं तो जुर्माना भरने के लिए तैयार रहना होगा। कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को यह निर्देश देते हुए कहा है की इस तरह की हरकत से एकांतता के अधिकार का हनन होता है, साथ साथ लोगों की आज़ादी में ख़लल भी पड़ता है।
कोर्ट ने साथ में साफ़ साफ़ यह बात कही है की ऐसी मोटरसाईकिलो और वाहनमालिकों के ख़िलाफ़ धारा 1902 के तह ध्वनि एवं वायु प्रदूषण फैलाने के लिए कार्यवाही का प्रावधान है, जस्टिस अब्दुल मोईंन की एकल पीठ ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा है की बुलेट, हरले डेविडसन, ह्येसंग, यूएन कमांडो, सुजूकी व इंट्रूडर, व बिग डाग जैसी दुपहिया गाड़ियों की तेज आवाज को संज्ञान में लिया है।