पिछले कई दिनों से अवैध कॉलोनियों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निगम तीव्रता से अपना पीला पंजा चलाते हुए सैकड़ों लोगों को बेघर कर चुका है। पहले खोरी पर बनी अवैध कॉलोनियों पर गाज गिरी कई लोगों के आशियाने निगम के पंजे तले ध्वस्त हो गए। मगर इस बार हरियाणा के भाजपा बसपा गठबंधन सरकार ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि सैकड़ों के चेहरों पर मुस्कान छा गई।
दरअसल, इस बार अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को बेघर करने की जगह गठबंधन सरकार ने सुख सुविधा मुहैया कराने के लिए पिटारा खोल दिया हैं। अब अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सरकार द्वारा बिजली, पानी, सीवरेज और सड़कों की सुविधा उपलब्ध कराएगी, बल्कि तमाम अवैध कालोनियों को नियमित भी करेगी। वहीं इस बात को भी स्पष्ट कर दें इससे न सिर्फ जनता बल्कि सरकार दोनों का ही जबरदस्त फायदा होगा। प्रदेश सरकार के खजाने में राजस्व आएगा और लोगों के सिर से अवैध कालोनी में रहने पर तोड़फोड़ का खतरा टल जाएगा।
हरियाणा सरकार के इस फैसले से पूरे प्रदेश खासकर फरीदाबाद, गुरुग्राम, करनाल, सोनीपत, हिसार, कुरुक्षेत्र, अंबाला और पंचकूला में प्रापर्टी बूम आने की संभावना है। हरियाणा सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन संशोधन विधेयक 2016 और 2021 में बड़ा बदलाव किया है। अभी तक सरकार ने फैसला लिया था कि 31 मार्च 2015 से पहले विकसित ऐसी अवैध कालोनियों को ही नियमित किया जाएगा, जिनमें प्लाटों पर 50 प्रतिशत से ज्यादा निर्माण हो रखा है।
विभिन्न जिलों से सरकार को मिली रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी कालोनियों की संख्या 1600 के आसपास है। इन कालोनियों को नियमित करने का फैसला सरकार पहले ही ले चुकी है। अब हरियाणा सरकार ने नए संशोधन विधेयक में 31 मार्च 2015 की समय सीमा तो हटा ही ली, साथ ही 50 प्रतिशत से ज्यादा निर्माण की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया है। यानी ऐसी तमाम अवैध कालोनियों को नियमित किया जाएगा, जो 2021 तक भी अवैध हैं और नियमित होने का इंतजार कर रही हैं, भले ही उनमें 10, 20 या 30 फीसद तक निर्माण हो रखे हैं।
इन कालोनियों को नियमित करने के लिए हरियाणा सरकार एक राज्य स्तरीय पालिसी तैयार करेगी, जिसमें यह प्रविधान किया जाएगा कि सुख-सुविधाएं देने तथा इन कालोनियों को नियमित करने के लिए संबंधित बिल्डरों-कालोनाइजरों और मकान मालिकों को कितना भुगतान करना होगा। हरियाणा सरकार की ओर से जब तक यह पालिसी तैयार नहीं कर ली जाती, तब तक किसी भी अवैध कालोनी और उनमें रहने वाले मकान मालिकों के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। यानी अब कालोनाइजर, बिल्डर और अवैध कालोनियों में रहने वाले लोग पूरी तरह से सुरक्षित हो गए हैं।
प्रदेश सरकार के इस निर्णय का एक दूसरा पहलू यह भी होगा कि बिल्डर व कालोनाइजर मिलकर छोटी-छोटी नई कालोनियां काट लेंगे और उन्हें स्वीकृति के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष पेश करेंगे। ऐसी आपाधापी रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने बीच का रास्ता निकाला है। कालोनियों का धरातल पर निरीक्षण करने के बाद संबंधित शहरी निकाय कालोनी को नियमित करने का प्रस्ताव बैठक में करेंगे। फिर जिला उपायुक्त व मंडलायुक्त के माध्यम से होते हुए फाइल मंजूरी के लिए हरियाणा सरकार तक पहुंचेगा
हरियाणा के शहरी निकाय मंत्री अनिल विज की ओर से विधानसभा में यह संशोधन विधेयक लाया गया है, जिस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही सहमति दे चुके हैं। विधानसभा में मामूली चर्चा के बाद इस संशोधन विधेयक को पास कर दिया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास भाजपा सांसदों, विधायकों व जिला पदाधिकारियों के ऐसे तमाम प्रस्ताव पहुंच रहे थे, जिनमें शहरी लोगों को राहत देने की मांग की जा रही थी। इस फैसले से भाजपा को शहरी इलाकों में व्यापक समर्थन मिलेगा। शहरी निकाय विभाग के निदेशक डीके बेहरा के अनुसार प्रदेश सरकार के इस फैसले से लाखों लोगों को फायदा मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा पालिसी तैयार करने के बाद बाकी स्थितियां स्पष्ट हो सकेंगी।
हरियाणा सरकार खासकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने हाल ही में निकायों की प्रापर्टी पर बरसों से किरायेदार व लीजधारक के रूप में जमे हजारों शहरी लोगों को मालिकाना हक देने का निर्णय लेकर बड़ी राहत दी है। शहरी निकाय विभाग के निदेशक डीके बेहरा ने बताया कि अभी नए सिरे से यह सर्वे कराया जाएगा कि राज्य में कितनी ऐसी कालोनियां हैं, जो हरियाणा सरकार के नए संशोधित फैसले के दायरे में आती हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार हमारी सरकार जनता के हितों के प्रति चिंतित है। शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने कहा कि पालिसी पर जल्द अफसरों के साथ मंथन किया जाएगा।