स्वर्ण आभूषण को हॉलमार्क प्रमाणित कराकर बेचना हुआ अनिवार्य, सर्राफा व्यापारियों को नहीं होगा नुकसान

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भारत सरकार ने 16 जून 2021 से देश के 256 जिलों में स्वर्ण आभूषण को हॉलमार्क प्रमाणित कराकर बेचना अनिवार्य किया है, जिससे ग्राहक को शुद्धता की पूरी गारंटी मिलेगी। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की मांग को स्वीकार करते हुए भारत सरकार ने 130 करोड देशवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए इसे अनिवार्य किया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायण भाई साह ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है और सरकार से अपील की है कि सर्राफा व्यापारियों के किसी भी दवाब में आये बिना इसे लागू रखा जाए। उन्होने सर्राफा व्यापारियों की हडताल को भी अनुचित ठहराया है।

स्वर्ण आभूषण को हॉलमार्क प्रमाणित कराकर बेचना हुआ अनिवार्य, सर्राफा व्यापारियों को नहीं होगा नुकसान

हॉलमार्क स्वर्ण आभूषण में प्रत्येक स्वर्ण आभूषण की अलग पहचान के लिए 6 अकों/ शब्दों की विशेष संख्या (एच यू आई डी) प्रत्येक पीस पर हॉलमार्क के चिन्ह एवं शुद्धता के साथ अंकित की जायेगी, जिससे कि किस सर्राफा व्यापारी ने इसे हॉलमार्क कराया है तथा किस हॉलमार्क केंद्र ने इसे हॉलमार्क प्रमाणित किया है, इसकी जानकारी किसी भी ग्राहक को आसानी से उपलब्ध हो जायेगी।

स्वर्ण आभूषण को हॉलमार्क प्रमाणित कराकर बेचना हुआ अनिवार्य, सर्राफा व्यापारियों को नहीं होगा नुकसान

ग्राहक स्वर्ण आभूषण में शुद्धता की कमी पाये जाने पर सर्राफ व हॉलमार्क केंद्र पर हर्जाने के लिए आसानी से दावा कर सकेगा। एच यू आई डी के लगने से हॉलमार्क की विश्वसनीयता बढेगी तथा ग्राहक को भी इसका विशेष लाभ होगा।

स्वर्ण आभूषण को हॉलमार्क प्रमाणित कराकर बेचना हुआ अनिवार्य, सर्राफा व्यापारियों को नहीं होगा नुकसान

साथ ही सर्राफा व्यापारियों को भी इससे कोई नुकसान नही होगा, बल्कि पारदर्शिता बढने से व्यापार में वृद्धि होगी। पूरी प्रक्रिया आटोमैटिक होगी तथा फर्जी एच यू आई डी लगाने की संभावना भी नहीं रहेगी।