बेटी की फरियाद सुन मजिस्ट्रेट ने खाते में पहुंचाए 20 लाख रुपए, नहीं टलने दी बिटिया की शादी

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    बेटी की शादी करना हर माता पिता का सबसे बड़ा सपना होता है। दूसरी तरफ अगर हम बात करें सरकारी काम की तो वह हमेशा लेट होता है और कभी-कभी तो दफ्तर के चक्कर काटते काटते उम्र बीत जाती है लेकिन काम कभी नहीं हो पाता। इंसान चला जाता है लेकिन सरकारी दफ्तर का काम कभी नहीं होता। लेकिन ऐसे ही सरकारी दफ्तरों में कुछ अफसर ऐसे भी होते हैं जो इन सब से हटकर होते हैं और अपने कार्यों से लोगों के दिलों में अपनी जगह बना लेते हैं और हमेशा हमेशा के लिए याद किए जाते हैं।

    ऐसे अफसरों से शायद ही आपका पाला पड़़ा होगा क्योंकि इनकी संख्या बहुत कम होती है। उन्नाव में सिटी मजिस्ट्रेट ने एक मिसाल पेश की है। उन्होंने ना बल्कि एक बेटी की गुहार को सुना उस पर एक्शन ले कर सिर्फ 5 घंटे में उसकी समस्या को दूर किया। उनके इसी कार्य को लेकर पूरा गांव सिटी मजिस्ट्रेट को धन्यवाद कर रहा है।

    बेटी की फरियाद सुन मजिस्ट्रेट ने खाते में पहुंचाए 20 लाख रुपए, नहीं टलने दी बिटिया की शादी

    एक ओर जहां अधिकारी छोटे छोटे कामों के लिए महीनों नहीं सालों टहलाते हैं लेकिन एक तरफ ऐसे अधिकारी भी हैं। मामला कुछ ऐसा है कि बीकापुर तहसील में एक छोटा सा गांव है सलेथु। इस गांव में दिनेश तिवारी नमक 1 आदमी रहता है जो कि कानपुर में छोटी सी दुकान में नौकरी करता है। उनके अपने गांव में 2 बीघा की पैतृक जमीन थी जोकि गंगा एक्सप्रेसवे बनाने के कारण अधिग्रहण कर लिया गया। दिनेश ने 25 मई को भूमि की रजिस्ट्री सरकार के नाम करवा दी थी इसी बीच उनकी बड़ी बेटी आरती की शादी भी हो गई थी आरती की शादी 17 जून को होनी थी।

    बेटी की फरियाद सुन मजिस्ट्रेट ने खाते में पहुंचाए 20 लाख रुपए, नहीं टलने दी बिटिया की शादी

    मजिस्ट्रेट ने एक बेटी की गुहार को सिर्फ सुना ही नहीं पात्र पांच घंटे के अंदर उसकी समस्या भी दूर कर दी। दिनेश को पूरी उम्मीद थी कि शादी का समय आते आते उन्हें यह मुआवजा मिल जाएगा और सारी कागजी कार्रवाई करने के बाद 15 जून तक उनके खाते में पैसे आ जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अपने पिता की ऐसी हालत देखकर उनकी बेटी आरती काफी परेशान हो गई और अपने पिता की इज्जत बचाने के लिए उन्होंने हिम्मत कर कर 15 जून सुबह करीब 10:00 बजे आप अपने सिटी के मजिस्ट्रेट चंदन कुमार पटेल को व्हाट्सएप पर एक मैसेज भेजा।

    बेटी की फरियाद सुन मजिस्ट्रेट ने खाते में पहुंचाए 20 लाख रुपए, नहीं टलने दी बिटिया की शादी

    मैसेज में अपनी सारी समस्या और दर्द मजिस्ट्रेट को सुनाया। अपने मैसेज में मजिस्ट्रेट साहब को बताया कि मुआवजा न मिलने के कारण मेहमानों का सत्कार आभूषण व अन्य सामान की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। अब अगर हमें पैसे नहीं मिले तो शादी करने की नौबत तक आ सकती है।