सालों से प्रदेश हो या देश हर जगह दबंग लोग गरीबों की आवाज को दबाते आ रहे हैं। वे लोग गरीबों की आवाज दबाकर उनका हक मार लेते हैं, उनका शोषण करते हैं। जो भी इनके खिलाफ आवाज उठाता है उसको ये दबंग जान से मारने की धमकी भी देते थे। आज एक तरफ गरीब इस महामारी से परेशान है वहीं दूसरी ओर इन दबंगों से। लेकिन अब हरियाणा में सरकार इन दबंगों पर लगाम लगाएगी और गरीबों का हक किसी को भी छीनने नहीं देगी।
हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने परिवार पहचान विधेयक पर उठ रहे विपक्ष के सवालों का जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सुधारात्मक योजनाएं लेकर आ रही है। अभी तक ऐसे सिस्टम बने हुए हैं कि जो लोग दबंग है और ऊंचा बोल सकते हैं वह सभी योजनाओं का लाभ ले जाते हैं, लेकिन जो गरीब है और अपनी बात बोल नहीं सकता, वह आज भी सरकारी सुविधाओं से वंचित है। लेकिन अब से ऐसा नहीं होगा। जो भी गड़बड़ होगी वह अब सब सामने आएगी।
परिवार पहचान पत्र योजना अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है। प्रदेश में अब तक 64 लाख परिवारों ने परिवार पहचान पत्र में रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। जो भी व्यक्ति या परिवार सरकारी सेवा का लाभ उठाना चाहते हैं उसके लिए हरियाणा के निवासी होने का एक दस्तावेज तो होना ही चाहिए।
बीपीएल परिवारों के लिए सरकार ने उठाए नए कदम
अभी तक बीपीएल परिवारों के लिए कुल दस शर्तें होती थी जिनमें फ्रिज, टीवी जमीन आदि न होने की शर्त भी शामिल थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी तक बीपीएल उसे माना जाता है जिस परिवार की सालाना आय एक लाख 20 हजार रुपये है।
परिवार पहचान पत्र योजना के तहत 1.80 लाख रुपए की सालाना आय वाले परिवारों को भी बीपीएल में शामिल किया जाएगा। इस कदम से प्रदेश के लगभग 3 लाख और परिवारों को इन योजनाओं का लाभ मिलेगा।
देश–विदेश में है योजना की चर्चा
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि इस संबंध में हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने कहा था कि परिवार पहचान पत्र के डाटा इकट्ठा करने पर कोई आपति नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश की इस योजना की देश ही नहीं विदेश में भी चर्चा है। जर्मनी के एम्बेसडर ने इस योजना को समझकर इसकी सराहना भी की।
इन दस्तावेजों को भी पीपीपी के साथ जोड़ा जाएगा
सीएम खट्टर ने आगे कहा कि अब परिवार पहचान पत्र के साथ जन्म, मृत्यु और विवाह पंजीकरण को भी जोड़ा जाएगा। इससे सरकार के पास रियल टाईम डाटा उपलब्ध होगा व योजना बनाने और क्रियान्वित करने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा के 3.30 लाख सरकारी कर्मचारियों में से 298274 कर्मचारियों ने अपना परिवार पहचान पत्र बनवा लिया है।
आईटी सिक्योरिटी फीचर का किया गया है इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि सिस्टम में बहुत से डाटा हैं जो पूरी तरह सुरक्षित हैं। परिवार पहचान पत्र का डाटा सुरक्षित करने के लिए आईटी सिक्योरिटी फीचर इस्तेमाल किए गए हैं। बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति इस सूचना का इस्तेमाल नहीं कर सकता। अगर इस डाटा की किसी प्रकार की चोरी होती है तो उसके लिए सजा का प्रावधान भी किया गया है।