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मदुरै के छात्र ने बना दी सोलर साइकिल, 1.50 रुपये में तय करेगी 50 किमी तक की दूरी

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सोच ऐसी की दुनिया को आपका बना दे, काम ऐसा कि अजनबी भी आपके मुरीद हो जाएं। ये है इस तरह की एक छात्र की स्टोरी कि आप भी होंगे कायल। तो चलिए शुरू करते हैं, देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं।

लोग अब बाइक और अपनी कार चलाने से पहले एक बार पेट्रोल-डीजल के बारे में जरूर सोच रहे हैं। इसी बीच तमिलनाडु के मदुरै कॉलेज के एक छात्र ने कमाल कर दिया है। छात्र ने सौर ऊर्जा से चलने वाली एक इलेक्ट्रिक साइकिल बनाई है।

मदुरै के छात्र ने बना दी सोलर साइकिल, 1.50 रुपये में तय करेगी 50 किमी तक की दूरी

दरअसल, तमिलनाडु के मदुरै कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र धनुष कुमार ने सौर ऊर्जा से चलने वाली एक इलेक्ट्रिक साइकिल बनाई है। यह ई-साइकिल सोलर पैनल की मदद से लगातार 50 किलोमीटर तक चल सकती है।

इसकी पावर कमहोने के बाद भी 20 किमी से ज्यादा चलाया जा सकता है। इसमें लगने वाली बैटरी के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली की लागत पेट्रोल की कीमत की तुलना में बहुत कम है। 50 किमी तक की यात्रा करने में सिर्फ 1.50 रुपये का खर्च आता है। बताया जा रहा है कि यह साइकिल 30-40 किमी की रफ्तार से दौड़ सकती है।

मदुरै के छात्र ने बना दी सोलर साइकिल, 1.50 रुपये में तय करेगी 50 किमी तक की दूरी

इस साइकिल से जहां एक तरफ पेट्रोल-डीजल का खर्च कम होगा, तो वहीं दूसरी तरफ इससे प्रदूषण भी कम होगा। इसे बनाने वाले धनुष कुमार का कहना है कि इस साइकिल में 12 वोल्ट की 4 बैटरी, एक 350 वाट का ब्रुश मोटर, रफ्तार को कम-ज्यादा करने के लिए एक्सीलेटर लगाए गए हैं।

इसकी बैटरी चार्ज करने के लिए 20 वाट के 2 सोलर पैनल लगाए गए हैं। धनुष की यह साइकिल कुछ महीने पहले चर्चाओं में आई थी, लेकिन अब पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के कारण यह मदुरै में लोकप्रिय होती जा रही है।

मदुरै के छात्र ने बना दी सोलर साइकिल, 1.50 रुपये में तय करेगी 50 किमी तक की दूरी

धनुष कुमार की इस उपलब्धि से क्षेत्र के लोग काफी खुश हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग इस छात्र की तारीफ कर रहे हैं। उम्मीद से ऊपर उठकर इस छात्र ने कर दिया ऐसा ग़ज़ब का काम कि, पेट्रोल-डीजल महंगा होने का डर ही नहीं।

जी हाँ, यही तो काबिलियत होती है। कोई कितना भी कैसे भी परेशान क्यों ना कर ले, किसी के परेशान करने से कुछ भी नहीं होता। होता सब वही है जो होना होता है, लिखा होता है, बस ज़रूरत है तो सिर्फ अपने मेहनत, लगन से आगे बढ़ने की, ठीक इस छात्र की तरह, क्यों है ना सच? अगर हाँ तो कमेंट कीजिए।

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