हरियाणा के हिसार जिले में लघु सचिवालय के सामने अपनी खराब फसलों के बीमा क्लेम को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को मांगो को प्रशासन द्वारा माने जाने का समय आ गया है। पिछले 106 दिनों से धरने पर बैठे किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए प्रशासन द्वारा खुला दरबार लगाया जाएगा। किसानों द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन से ही ये मुमकिन हो पाया कि प्रशासन को उनकी समस्याओं को सुनने की जरूरत महसूस हुई है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की शिकायतों एवं समस्याओं के निपटारा हेतु प्रशासन द्वारा लघु सचिवालय में 27 अगस्त को खुला दरबार लगाया जाएगा, जिसमें दोपहर करीब 3 बजे एसडीएम जगदीप सिंह द्वारा किसानों की समस्याओं को सुना जाएगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा राशि, प्रीमियम भुगतान, फसल बदलाव या अन्य विषयों से जुड़ी अपनी अनेक समस्याओं को किसान खुले दरबार में रख सकेंगे। प्रशासन द्वारा खुले दरबार में आने वाले किसानों से बीमा कटौती से संबंधित पासबुक और अन्य जरूरी दस्तावेज अपने साथ लाने की अपील की है।
गौरतलब है की 24 अगस्त को जिले की किसानों ने उचित बीमा क्लेम व मुआवजे की राशि की मांग को लघु सचिवालय पर घेराव किया था। प्रशासन को 3 दिन का अल्टीमेट देते हुए किसानों ने धरना समाप्त कर दिया था तथा साथ ही उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 28 अगस्त तक उनकी समस्याओं को नहीं सुना जाता है, तो उनका आंदोलन और भी विकराल रूप ले सकता है।
बता दें कि पिछले 105 दिनों से लघु सचिवालय के आगे किसान अपनी मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि बीमा कम्पनी ने उन्हें उचित क्लेम न देकर 10 हजार करोड़ का घोटाला किया है। संयुक्त किसान मोर्चा बाड्डो पट्टी टोल के प्रधान श्रद्धानन्द राजली व राजू भगत ने बयान जारी किया है कि वर्ष 2020 में सरकारी गिदावरी के अनुसार बीमा कंपनी द्वारा जलभराव, सूखे एवं सफेद मक्खी से बर्बाद हुई फसलों में 10 हजार करोड़ से से भी अधिक का गबन किया गया है।
जिन गांवों में खराब फसलों का जायजा खुद डीसी ने लिया है, उन में सरकारी रिपोर्ट अनुसार नुकसान 75 प्रतिशत दिखाए जाने के बावजूद कंपनी ने किसानों को केवल 2 से 13 प्रतिशत नुकसान का ही क्लेम दिया गया है। सरकारी रिपोर्ट अनुसार किसानों को 30000 रूपये क्लेम राशि दी जानी थी, जोकि केवल 100 से 2000 रुपए तक का ही क्लेम किसानों को दिया गया है। वर्ष 2020 का खरीफ की फसल का 284 करोड़ रुपए बिना बीमा वाले किसानों का मुआवजा देना अभी भी बाकी है। हिसार प्रशासन द्वारा किसानों को केवल कागज दिखा दिए जाते हैं, एक पैसा भी आजतक किसानों को नहीं मिल पाया है।