पेपर लीक होने की समस्या आए दिन बड़ी परेशानी का सबब बनती जा रही थी, जिस पर अब अंकुश लगाने के लिए सख्त होते हुए प्रदेश में लीक होने वाले पेपर का स्थाई हल ढूंढने के प्रयास को एक तरफ तेज किया गया है, तो वहीं दूसरी तरफ अब हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि पेपर लीक होने की प्रक्रिया को अगर हमेशा के लिए खत्म करना है तो एक ही हल अमल में लाया जा सकता हैं।
दरअसल, सरकार अपनी ही प्रिंटिंग प्रेस से प्रिंट कराने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में गृहमंत्री अनिल विज ने सीएम मनोहर लाल को सुझाव दिया है। गृहमंत्री ने कहा कि किसी भी भर्ती से जुड़ा पेपर तैयार करने के लिए पेपर सैटर से 400-500 नहीं, बल्कि हजारों की संख्या में सवाल लेने चाहिएं।
वहीं सबसे अहम बात तो यह हैं कि इन सभी सवालों को कंप्यूटर में फीड किया जाए व ऐसा सॉफ्टवेयर हो कि कंप्यूटर आटोमैटिक ही इनमें से परीक्षा के लिए 100 सवालों का चयन करे। इसके बारे में न तो पेपर सैटर को पता होगा और न चयन आयोग के किसी कर्मचारी को मालूम होगा। पेपर सैट होने के बाद आयोग, सरकार के आला अफसरों व पुलिस के पहरे में सरकारी प्रेस में प्रिंट करवाया जाए। प्रिंटिंग स्टॉफ को 2 कार्यालय में ही रखा जाए।
वहीं एक अहम कार्य यह भी हो सकता है कि पेपर प्रिंट भी परीक्षा होने से एक रात पहले ही किया जाए। अगले दिन सुबह प्रेस से गाड़ियां में एग्जाम सेंटर तक पहुंचे। इस दौरान पूरी जिम्मेदारी आयोग की रहेगी। इससे पहले विज सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर चुके हैं। गौरतलब, गृह मंत्री अनिल विज की तबीयत में अब सुधार है। दो दिन से वे अस्पताल में ही काम रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार के ही कुछ लोगों ने अस्पताल में फाइलें पास करने को ठीक नहीं बताया है। इसके जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि काम करना मेरा जुनून है। विज ने मंगलवार को 350 फाइलें निपटाई।