प्रशासन की अनदेखी के चलते आवारा पशुओं की भेंट चढ़ा सोतई गांव का ग्राम सचिवालय

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हम जनता को विकास देंगे और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। हर हालत में विकास के अभाव में सुविधाओं के लिए तरसती जनता को हर प्रकार की सुख सुविधाएं मुहैया कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। कुछ ऐसे ही शब्द आपने वोट मांगने आपके द्वार पहुंचे नेताओं के मुंह से अक्सर सुने होंगे।

खासतौर से जब बात की जाए सड़क, सीवर, नाली और पानी की तो हर नेता ने मूलभूत सुविधाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए ना जाने कितने बड़े-बड़े सपने दिखाए हुए, मगर यही सपने उस वक्त चकनाचूर हो गए जब स्थानीय क्षेत्रों की हालत बद से बदतर होती चली गई।

प्रशासन की अनदेखी के चलते आवारा पशुओं की भेंट चढ़ा सोतई गांव का ग्राम सचिवालय

इसी कड़ी में एक तस्वीर उजागर हुई है जो फरीदाबाद पृथला विधानसभा के अंतर्गत आने वाले सोतई गांव की है। दरअसल यहां प्रशासन की अनदेखी के कारण नासिक गंदगी का अंबार लगा हुआ है बल्कि यह अंबार इतना अधिक बढ़ चुका है कि यहां आवारा पशुओं का आवागमन इस कदर बढ़ चुका है कि आम जन का यहां से गुजरना,

यहां तक की सांस लेना भी दुश्वार हो चुका है। आवारा पशुओं का अड्डा बनने के कारण यह ग्राम सचिवालय किसी भी सूरत में आमजन के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है, क्योंकि गोवंश के आवागमन ने यहां आम जन के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है।

प्रशासन की अनदेखी के चलते आवारा पशुओं की भेंट चढ़ा सोतई गांव का ग्राम सचिवालय

गंदगी में गोवंश के मुंह मारते हैं। जिससे वह यहां वहां फैल जाता है, और उस से दुर्गंध उठती है। जिसके कारण यहां से गुजरने वाले लोगों को मुंह ढक कर चलना पड़ता है। इस बार सभी वाकिफ है कि संक्रमण के बाद साफ सफाई का कितना ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन यहां आलम यह है कि साफ-सफाई के अभाव में पानी और मक्खी, मच्छरों से उत्पन्न होने वाली बीमारियां पैदा होने लगी है। जिसके लोग यहां प्रशासन को कोसने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।