हरियाणा के छोटे से कस्बे की बेटी बनीं IAS अफसर, पिता का काम आंखों में आंसू ले आएगा

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    सफलता अमीरी-गरीबी या छोटा बड़ा नहीं देखती, जो सही दिशा में मेहनत करता है उसे सफलता जरुर हासिल होती है। हरियाणा के रोहतक की रहने वाली अंकिता चौधरी ने एक छोटे कस्बे से निकलकर आईएएस बनने तक का सफर पूरा किया। यूपीएससी एग्जाम में फेल भी हुईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में 14वीं रैंक हासिल कर देश की तमाम लड़कियों के लिए एक प्रेरणादायी मिसाल कायम की।

    यूपीएससी की तैयारी करते वक्त अगर आप अपनी गलतियों को सुधारकर हर बार बेहतर तरीके से प्रयास करेंगे तो आप यहां सफलता प्राप्त कर सकते हैं। छोटे से कस्बे से निकलकर अंकिता ने यूपीएससी की तैयारी की और दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की। अंकित ने अपनी शुरुआती पढ़ाई रोहतक से ही की इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने दिल्ली से ग्रेजुएशन करने का फैसला किया।

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    अंकिता ने जब तक पोस्ट ग्रेजुएशन कंप्लीट नहीं हो गई तब तक यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा नहीं दी। ग्रेजुएशन के दौरान ही अंकित ने यूपीएससी की तैयारी करनी शुरु कर दी थी। अपनी पीजी की पढ़ाई के दौरान भी वे यूपीएससी की तैयारी करती रहीं. हालांकि उन्होंने जब तक पोस्ट ग्रेजुएशन कंप्लीट नहीं हो गई तब तक यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा नहीं दी।

    हरियाणा के छोटे से कस्बे की बेटी बनीं IAS अफसर, पिता का काम आंखों में आंसू ले आएगा

    अंकिता यूपीएससी में फेल भी हुईं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में अपना सपना पूरा कर लिया। यूपीएससी की तैयारी के दौरान ही अंकिता चौधरी की मां की मौत एक रोड एक्सीडेंट में हो गई। मां की मौत का सदमा अंकिता को काफी लगा था और वह टूट गई थीं। अंकिता को उनके पिता ने संभाला और हौसला दिया। अंकिता के पिता सत्यवान रोहतक की चीनी मिल में अकाउंटेंट के पद पर तैनात हैं और पिता से मिली प्रेरणा ने ही अंकिता को आईएएस बनने में काफी मदद की। इसके बाद वह पूरी लगन और मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी में जुट गई।