ऑटो ड्राइवर की बेटी बनी मिस इंडिया, कभी भूखे पेट बिताती थीं रातें

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    इंसान अपनी मंजिल पाने की ठान ले तो मार्ग में आने वाली सारी कठिनाई बुलंद हौसलों के आगे छोटी पड़ जाती हैं। देवरिया जिले के ऑटो चालक ओमप्रकाश सिंह की बेटी मान्या सिंह ने मिस इंडिया में रनरअप बनकर इतिहास रच दिया है। मान्या सिंह उत्तर प्रदेश के एक रिक्शा चालक की बेटी हैं। उनके लिए ये जीत खास है क्योंकि यह कई रातों और कई वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद प्राप्त हुई है।

    अक्सर देखा गया है कि लोग अपने जीवन में कामयाबी पाने के लिए कठिन संघर्ष करते हैं। मान्या ने सफलता की राह पर चल रहे संघर्षों के बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट ‘ThisIsMyStoy’ लिख कर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि वह मिस इंडिया द्वारा अपनी यात्रा तय कर इस मंच का उपयोग करके दूसरों को प्रेरित करने की आशा करती हैं।

    ऑटो ड्राइवर की बेटी बनी मिस इंडिया, कभी भूखे पेट बिताती थीं रातें

    खबर जब देवरिया जिले में पहुंची तो लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी। कुशीनगर में पैदा हुईं मान्या ने अपने एक पोस्ट में कहा है कि वह कठिन परिस्थितियों में पली-बढ़ीं, बिना भोजन के रातें बिता चुकी हैं और केवल कुछ रुपए बचाने के लिए मीलों पैदल चली हैं। वह उन किताबों और कपड़ों के लिए तरस गईं जिसे वह खरीदना चाहती थीं। उनका भाग्य शायद कभी उनके पक्ष में नहीं था।

    ऑटो ड्राइवर की बेटी बनी मिस इंडिया, कभी भूखे पेट बिताती थीं रातें

    मान्या सिंह के स्कूल और गांव में लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया। मान्या बताती हैं कि उनके माता-पिता ने मान्या की परीक्षा की फीस का भुगतान करने के लिए जो छोटे-मोटे गहने थे वो भी गिरवी रख दिए थे। मिस इंडिया ने पिछले महीने साझा की गई पोस्ट में मान्या सिंह के बारे में कहा, उनका मानना है कि शिक्षा सबसे मजबूत हथियार है जो हर समय खुद के पास हो सकता है।

    ऑटो ड्राइवर की बेटी बनी मिस इंडिया, कभी भूखे पेट बिताती थीं रातें

    साधारण परिवार में जन्मी मान्या इंटर कालेज में हाईस्कुल की छात्रा थी। न्होंने अपने एचएससी के दौरान सर्वश्रेष्ठ छात्र का पुरस्कार जीता है। आज तक जीवन में बहुत संघर्ष किया है। एक ऑटो ड्राइवर की बेटी होने के कारण और किताबों का खर्च उठाने में सक्षम नहीं होने की वजह से उन्हें स्कूल के दिनों में भी उपेक्षित रखा गया।