मां की मौत के बाद पिता ने बढ़ाई हिम्मत, दूसरे प्रयास में बनी IAS ऑफिसर, कुछ ऐसी है इनकी कहानी

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यूपीएससी की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। हर साल लाखो अभ्यार्थी परीक्षा में बैठते है लेकिन सभी को सफलता नहीं मिल पाती। इसमें सफलता का प्रतिशत बहुत ही कम होता है। लेकिन जो परीक्षार्थी कड़ी मेहनत करता है और समाज के लिए कुछ करने का जुनून होता है। वह इस परीक्षा में सफलता पा सकता है।

कई बार तो उम्मीदवारों का धैर्य परीक्षा की तैयारियों के बीच में ही टूट जाता है। सफलता किसी की अमीरी या गरीबी नहीं देखती बल्कि उस व्यक्ति की मेहनत देखती है।

मां की मौत के बाद पिता ने बढ़ाई हिम्मत, दूसरे प्रयास में बनी IAS ऑफिसर, कुछ ऐसी है इनकी कहानी

हर किसी के जीवन में उतार चढ़ाव आते हैं, कई बार तो इतनी मुश्किल परिस्थितियां होती हैं कि मनुष्य का धैर्य और हिम्मत टूटने लगती है। सफलता की ऐसी ही कहानी बयां करती है हरियाणा के रोहतक के छोटे से कस्बे में रहने वाली आईएएस अंकिता चौधरी। जिन्होंने आसमान छूने के सपने देखे थे।

मां की मौत के बाद पिता ने बढ़ाई हिम्मत, दूसरे प्रयास में बनी IAS ऑफिसर, कुछ ऐसी है इनकी कहानी

रोहतक के छोटे से कस्बे से निकलकर अंकिता ने कड़ी मेहनत कर अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाई। रोहतक से ही अंकिता ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की और ग्रेजुएशन के लिए उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला किया।

12वीं के बाद से ही जुटी यूपीएससी की तैयारियों में

ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पीजी के दौरान भी उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी। जब तक उनकी पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी नहीं हुई तब तक उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा नहीं दी।

मां की मौत के बाद पिता ने बढ़ाई हिम्मत, दूसरे प्रयास में बनी IAS ऑफिसर, कुछ ऐसी है इनकी कहानी

परीक्षा की तैयारी के दौरान ही अंकिता की मां की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। मां की मौत का उनको काफी गहरा सदमा पहुंचा जिससे वह टूट गईं थीं।

पिता ने बढ़ाई बेटी की हिम्मत

मां की मौत के बाद अंकिता के पिता ने उन्हें संभाला और उनका हौसला अफजाई किया। अंकिता के पिता रोहतक के एक चीनी मिल में अकाउंटेंट के पद पर तैनात हैं। पिता से मिली प्रेरणा ने अंकिता की हिम्मत बढ़ाई जिससे उनको आईएएस बनने में काफी मदद मिली। इसके बाद से वह यूपीएससी की तैयारियों में मन लगाकर जुट गईं।

पहले प्रयास में हुई असफल, नहीं मानी हार

मां की मौत के बाद पिता ने बढ़ाई हिम्मत, दूसरे प्रयास में बनी IAS ऑफिसर, कुछ ऐसी है इनकी कहानी

पीजी की डिग्री पूरी होने के बाद वह पूरी तरह से यूपीएससी की तैयारियों में जुट गईं। साल 2017 में अंकिता ने यूपीएससी की प्रथम परीक्षा दी लेकिन वह उसमें पास नहीं हो पाईं। फेल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कमियां ढूंढी और दूसरे प्रयास के लिए सुधार कर बेहतर तरीके से तैयारी की।

साल 2018 में उन्होंने दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी और ऑल इंडिया में 14वीं रैंक हासिल किया और आईएएस बनने का सपना पूरा किया।

बेहतर रणनीति और ईमानदारी से करें मेहनत– अंकिता

मां की मौत के बाद पिता ने बढ़ाई हिम्मत, दूसरे प्रयास में बनी IAS ऑफिसर, कुछ ऐसी है इनकी कहानी

जो लोग यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं अंकिता उन्हें कहती हैं कि बेहतर रणनीति बनाएं और ईमानदारी से मेहनत करें। असफलताओं से घबराने की जगह उनसे सीखें और अगला प्रयास बेहतर तरीके से करें। अगर आप सही रणनीति बनाकर मेहनत करते है तो यूपीएससी का सपना जरूर पूरा होगा।