मोदी सरकार द्वारा कई योजनाएं पहले भी जनता के लिए बना चुकी है। जिसमें आसानी से ना केवल रोजगार पाया गया बल्कि सरकार से लोन भी आसानी से लिया जा सकता है।। मनरेगा और प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम बेरोजगारों को जहां रोजगार करा रहे हैं वही दीन दयाल उपाध्याय– ग्रामीण कौशल योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, पीएम स्वनिधि जैसी कुछ केंद्र सरकार आठवीं पास से लेकर बारहवीं कक्षा छोड़ने वाले या दसवीं पास छात्र के लिए काफी उपयोगी है शायद इन योजनाओं से काफी फायदा लोगों को मिलता है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम। भारतीय नागरिक होना चाहिए कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो । विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख रुपये और व्यापार/सेवा क्षेत्र में 5 लाख रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं में कार्य करने हेतु कम से कम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण।
लाभ
नए उद्यम स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु योजना।
दीन दयाल उपाध्याय– ग्रामीण कौशल योजना।भारतीय नागरिक होना चाहिए और 15 से 35 वर्ष की आयु के बीच के व्यक्ति प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए पात्र हैं। महिलाओं और अन्य कमजोर जैसे निःशक्त व्यक्तियों के लिए, आयु की सीमा 45 वर्षीय कर दी गई है।
लाभ: दीन दयाल उपाध्याय– ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) का उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान करना और उन्हें नियमित मासिक मजदूरी या न्यूनतम मजदूरी से ऊपर की नौकरी प्रदान करना है।
पात्रता योजना युवाओं के लिए उपलब्ध कौशल मार्ग पर अवगत विकल्प बनाने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र सृजित करना।कौशल प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए युवाओं को सहायता प्रदान करना।
निजी क्षेत्र की अधिक से अधिक भागीदारी के लिए स्थायी कौशल केंद्रों को प्रोत्साहित करना।
मनरेगा योजना भारतीय नागरिक होना चाहिए, जो 18 वर्ष से अधिक आयु का है और ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है, कार्य हेतु आवेदन करने का हकदार है।
प्रति वर्ष प्रति परिवार 100 दिनों की सीमा के अध्यधीन, किए गए आवेदनों के लिए आवेदक, 15 दिनों के भीतर काम करने का हकदार है। नियम और नीतियों के अनुसार वेतन दर में संशोधन किया गया है।