अफगानिस्तान काफी सुर्खियों में बना हुआ है। अपनी नई छवि दिखाने की कवायद कर रहा तालिबान असल में पुरानी बर्बरता पर उतर आया है। अफगानिस्तान से अब तक सैंकड़ों लोगों को भारत सरकार निकालकर स्वदेश वापस ला चुकी है। भारतीय वायुसेना के विमान लगातार काबुल के लिए उड़ान भर रहे हैं। इस बीच अफगानिस्तान में सिखों और हिंदुओं का अमेरिका और कनाडा जाने का सपना भारत सरकार के लिए बड़ी समस्या का सबब बन गया है।
आतंकी संगठन के काबुल पर कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में मानवाधिकार हनन की घटनाएं बढ़ गई हैं। अफगान सिख और हिंदू काबुल से निकलने की प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं। यही नहीं इन लोगों को काबुल से निकालने में जो लोग मदद कर रहे हैं, उन्होंने सिखों और हिंदुओं से पूछा है कि क्या भारत सरकार भारतीयों को निकालने की प्रक्रिया को बंद करे या नहीं।
आतंकी समूह द्वारा किए जा रहे अत्याचारों का खुलासा किया गया है। अफगानिस्तान के गुरुद्वारा कर्ते परवान में मौजूद 70 से 80 अफगान सिख और हिंदू भारत वापस नहीं जाना चाहते हैं, उनकी इच्छा कनाडा या अमेरिका जाने की है। उन्होंने कहा कि ये लोग न केवल नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं, बल्कि अन्य लोगों को निकालने की प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं।
तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल समेत लगभग सभी हिस्सों पर अपना कब्जा जमा लिया है। लोग अमेरिका और कनाडा जाने के चक्कर में दो बार अपनी फ्लाइट को छोड़ चुके हैं। वह भी तब जब भारत सरकार इन लोगों को सबसे उच्च स्तर की सुविधा मुहैया करा रही है। उधर, करते गुरुद्वारा में मौजूद सिखों के एक नेता ने वीडियो संदेश जारी करके कहा कि उन्हें कनाडा या अमेरिका जाना चाहिए। सिख संगठनों ने सभी अफगान सिख और हिंदुओं को निकालने के लिए चार्टेड प्लेन की व्यवस्था की है और इनमें से 100 लोग काबुल एयरपोर्ट के बाहर आए भी लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं मिल सका।
इन दिनों सभी अफ़ग़ानिस्तान के लिए दुआएं कर रहे हैं। अमेरिका के वापस लौटने के बाद से अफगानिस्तान में हर दिन हालत बदतर होते जा रहे हैं।