जन्माष्टमी यानी श्री कृष्ण का जन्मोत्सव, यह त्योहार सिर्फ गोकुल और मथुरा में ही नहिं पूरे देशभर में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं। इस दिन घरों में उत्सव सा माहौल रहता हैं और भक्त कृष्ण भक्ति में लीन नज़र आते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार मथुरा में भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात में कृष्ण कन्हैया का जन्म हुआ था।
इस दिन कृष्ण की मूर्ति को दूध, दही, शहद, घी से सुबह-सुबह स्नान कराया जाता है और फिर नए कपड़े पहना कर, आभूषणों से सजा कर झूला झुलाया जाता है।
इस दिन कृष्ण भक्त उपवास रखते हैं, दिनभर श्री कृष्ण की आराधना करते हैं और भोग बनाते हैं।
इस दिन लड्डू गोपाल की पालकी सजाई जाती हैं और झांकिया भी निकाली जाती हैं।
लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव पर लोग प्रभु से स्वस्थ, सुखी और संपन्न जीवन प्राप्ति की कामना करते हैं।
इस दिन भक्त मंदिरो में भजन, जागरण और जगराता करते हैं। फिर रात 12 बजे भक्त भगवान की आराधना के बाद व्रत खोलते हैं।
जगह-जगह पर दही हांडी, फूल बंगला, छप्पन भोग, भंडारों आदि का आयोजन किया जाता है।
जन्माष्टमी के दिन मंदिरों के साथ पूरा देश रोशनी से जगमगाता है।