अर्जुन अवॉर्डी व डीसीपी के पद पर कार्यरत गीता जाखड़ एवं उनके भाई पर मारपीट का इल्जाम लगाया गया है। इल्जाम उनके अपने चाचा द्वारा ही लगाया गया है। अग्रोहा निवासी गीता जाखड़ फतेहाबाद में डीसीपी के पद पर तैनात हैं तथा भट्टूकुला में तैनात उनके भाई बलराम नायाब तहसीलदार हैं।
अग्रोहा गांव स्थित पैतृक मकान को लेकर हुए विवाद के चलते उनके चाचा ने उन पर और उनके भाई पर मारपीट का इल्जाम लगाया है। अग्रोहा थाने में मामले की शिकायत दी गई है जबकि पुलिस का कहना है कि उनके पास कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है।
चाचा प्रकाश वीर सिंह ने इल्जाम लगाते हुए कहा कि गीता जाखड़, बलराम व उनके पिता सत्यवीर जाखड़ ने घर में घुस कर उनके साथ मारपीट की है। प्रकाश वीर ने बताया कि गीता, बलराम व उनके पिता सत्यवीर व फतेहाबाद के दो पुलिस कर्मचारियों ने उनके व परिवार के साथ न केवल मारपीट की बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी तथा उनकी गर्भवती पुत्रवधु को भी धक्का दिया। उन्होंने बताया कि फतेहाबाद पुलिस की सरकारी गाड़ी में बैठकर वे उनके घर आए व हमला किया।
इस संबंध में प्रकाशवीर सिंह ने डीजीपी, डीएसपी व अग्रोहा थाना प्रभारी को शिकायत दर्ज करा दी है। प्रकाशविर ने बताया की जब वे 26 अगस्त की शाम करीब साढ़े सात बजे अपने पुराने मकान के साथ लगी निर्माणधीन बिल्डिंग को ताला लगाने गए थे , उन्होंने बताया कि जैसे ही वह शटर बंद करने गए तो वहां पहले से मौजूद गीता, बलराम व उनके साथ अन्य लोगों ने उन पर हमला कर दिया। अपने बेटे को उन्होंने आवाज दी लेकिन वह घर नहीं था, उनकी पत्नी आवाज सुनकर आई तथा अग्रोहा थाना के सरकारी नंबर पर कॉल करके उपर्युक्त मामले की जानकारी दी।
कुछ समय पश्चात जब महिला शक्ति पुलिस की गाड़ी उनके घर आई तो उन्हें लगा कि पुलिस की गाड़ी है। लेकिन उस गाड़ी में डीसीपी गीता जाखड़ उनके भाई तहसीलदार बलराम, पिता सत्यवीर सिंह व अन्य पुलिस कर्मचारी थे, जिनके हाथ में डंडा था तथा गाड़ी से उतरते ही उन्होंने हमला कर दिया। शोर सुनकर जब प्रकाशवीर के पिता अमरचंद बाहर आए तो उन्होंने उनके साथ ही धक्का मुक्की की जिससे उनके पिता को भी चोट आई। यहां तक कि उनकी पुत्रवधु को भी धक्का दिया तथा जान से मारने की धमकी दी। उनके बेटे ने आग्रोह थाना प्रभारी को फोन कर मामले की सूचना दी, उन्होंने आकर बीच – बचाव कराया।
प्रकशवीर सिंह ने शिकायत करते हुए बताया कि गीता जाखड़ व भाई बलराम ने अपनी शक्तियों का गलत उपयोग किया है तथा उन पर हमला कर गलत रिपोर्ट भी दर्ज कराई। वहीं दूसरी ओर दूसरे पक्ष ने मामले की सीसीटीवी फुटेज आग्रोह पुलिस को दी है। प्रकाशवीर ने आरोप लगाते हुए कहा कि क्यूंकि गीता जाखड़ एक राजपत्रित अधिकारी हैं डीसीपी प्रियांशु दीवान ने उनका केस दर्ज नहीं किया। अधिकारियों से पहले इस बारे में परमिशन लेनी पड़ेगी।
नायाब तहसीलदार बलराम जाखड़ ने बताया कि उनके पिता के हिस्से का गांव में पैतृक मकान है। वह उसमें नरमा डालने गया तो देखा कि उनके चाचा ने सीमेंट व अन्य सामान उसमे डाला हुआ है। बलराम ने अपने मकान से उनका सामान हटाने के लिए मजदूर को भेजा तो चाचा ने मजदूर के साथ मारपीट कर उसे वहां से भगा दिया तथा लट्ठ लेकर उसके पीछे भागा। घटना के बाद खुद को बचाने के लिए उन्होंने आग्रोह पुलिस को व अपने पिता को कॉल किया।
डीसीपी गीता जाखड़ ने अपने ऊपर लगे मारपीट के आरोप को नकारते हुए कहा कि वह भी उस घर की बेटी हैं इसलिए वे विवाद में जा सकती हैं। गीता जाखड़ ने यह भी बताया कि उनके पिता सत्यवीर ने उनके मकान पर कब्जा किया हुआ है। उनके भाई जब मकान में कपास डालने गए तो चाचा के परिवार ने उन पर हमला कर दिया। सूचना पाते ही वे चाचा को समझाने पहुंची थी। लेकिन फतेहाबाद पुलिस की सरकारी गाड़ी व पुलिसकर्मियों के बारे में उन्होंने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
आग्रोह थाना प्रभारी से इस मामले में प्रियांशु दीवान से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन प्रभारी ने इस बारे में बात करना उचित नहीं समझा। जबकि थाने में तैनात अन्य पुलिसकर्मियों का कहना है कि इस बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई।