फरीदाबाद : खोरी कॉलोनी के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पाली क्रेशर जोन ,लक्कड़पुर ,गुरुकुल इंडस्ट्रियल एरिया जमाई कॉलोनी और अरावली वन क्षेत्र में भी तोड़फोड़ की कार्यवाही को अंजाम दिया जाएगा इसके साथ नगर निगम और वन विभाग ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है और इसमें पर्याप्त पुलिस फोर्स भी मिल गई है तोड़फोड़ की है कार्यवाही 1 सितंबर से शुरू होने के कयास लगाये जा रहे हैं ।
इसके लिए नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है वही इस जगह पर रहने वाले लोगों को घर खाली करने के लिए कह दिया गया है पुलिस प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाने के लिए सभी क्षेत्रों पर नजर रखे हुए हैं पुलिस का कहना है कि तोड़फोड़ की कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही है यदि ऐसे में कानून व्यवस्था प्रभावित करने की कोशिश की तो उसे सख्ती से काम लिया जाएगा।
वन क्षेत्र के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिए हैं इससे पहले भी 23 जुलाई को खोरी कॉलोनी के मामले में सुनवाई की गई थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने राज्य सरकार और नगर निगम को साफ शब्दों में कहा था कि अरावली वन क्षेत्र और पीएलपीए एक्ट के तहत नोटिफाइड एरिया में बने सभी प्रकार के अवैध निर्माणों को धराशाई कर दिया जाए इसमें किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए वही फरीदाबाद नगर निगम वन विभाग और पुलिस प्रशासन ने इस आदेश को गंभीरता से लेते मैं खोरी कॉलोनी में अवैध निर्माण को हटाया गया है
तोड़फोड़ की तैयारियों की यदि बात की जाए तो निगम पूरी तरह से तैयार है तोड़फोड़ विभाग की एक टीम जीता राम ने बताया कि लक्कड़पुर कॉलोनी इंडस्ट्रियल एरिया गांधी कॉलोनी और अरावली क्षेत्र में बने अवैध निर्माणों को वन विभाग में अंकित किया है नहीं कुछ अवैध निर्माण निगम की जमीन के साथ-साथ वन विभाग की जमीन पर गई है सभी स्थानों पर रहने वालों को नोटिस जारी कर जगह खाली करने के लिए मुनादी करा दी गई है सभी को 31 अगस्त तक का समय दिया है इसके बाद एक से 10 सितंबर तक तोड़फोड़ अभियान चलाएगा
जमाई कॉलोनी लक्कड़पुर पाली प्रशासन और गुरुकुल इंडस्ट्री एरिया में करीब डेढ़ हजार अवैध निर्माण भेजूंगी यहां बनी है 10 दिनों में इन सभी अवैध निर्माण को हटा दिया जाएगा वहीं दूसरी ओर वन विभाग अरावली वन क्षेत्र में बने अवैध फार्महाउस वेंकट हॉल व अन्य निर्माणों पर कार्यवाही बंद कर दी गई है 1 महीने में कुल 10 अवैध फॉर्म हाउस तोड़े गए हैं जबकि वन विभाग की लिस्ट में 140 से ज्यादा अवैध निर्माण थे