अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। जहां उनकी जिंदगी तीतर बितर हो गई है, वहीं दूसरी तरफ हरियाणा सरकार अफगानी छात्रों का न सिर्फ हौंसला बढ़ा रहें है बल्कि उनके बेहतर भविष्य में रोड़ा बन रहे उनकी फीस का भी ध्यान देते हुए उनका भी पूरा बंदोबस्त कर रहे है। यह वास्तव में बहुत गर्व महसूस कराने वाला पल था।
जब हरियाणा के वर्तमान उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रविवार को बताया कि अफगानिस्तान में चल रहे संकट के चलते अधिकतर छात्र-छात्राओं का आवागमन संकटमय हो गया है। इसके अलावा छात्रों को अपने ही परिजनों से फीस मंगवाने के लिए मशकत करनी पड़ रही हैं।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 31 और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में 13 विद्यार्थी पड़ते हैं। केयूके में सात और एमडीयू में चार विद्यार्थी कैंपस में रहते हैं। यदि बाकी विद्यार्थी भी रहना चाहें तो उन्हें हास्टल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
हरियाणा के दो विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले अफगानी छात्र-छात्राओं को प्रदेश सरकार किसी तरह का परेशानी नहीं आने देगी। प्रदेश सरकार ने इन विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय कैंपस में रखने के निर्देश वाइस चांसलर को दिए हैं।
यदि कोई विद्यार्थी फाइनल ईयर की परीक्षा पास करने के बाद नए कोर्स में दाखिला लेना चाहता है तो उसके दाखिला लेने में फीस की कमी आड़े नही आयेगी।
विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर से कहा गया है कि वह नए पाठ्यक्रम में दाखिले लेने वाले विद्यार्थियों को अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए बिना फीस दाखिला दें। राज्य में कई छात्र संगठन हैं। यदि छात्र संगठन भी इन विद्यार्थियों को अडाप्ट कर लें तो समस्या का समाधान हो जाएगा। मैं स्वयं भी इन विद्यार्थियों का सारा खर्च वहन कर सकता हूं, लेकिन ऐसी नौबत नहीं आएगी। उन्होंने कहा जो भी विपदा आन पड़ी है, उसमे सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।