फरीदाबाद में सीवरेज व प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने की योजना

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 फरीदाबाद में सीवरेज व प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने की योजना

फरीदाबाद के विभिन्न हिस्सों में होने वाली सीवर ओवरफ्लो की समस्या से निजात पाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसके लिए नगर – निगम मुंबई की तकनीक पर आधारित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है। इस तकनीक को अभी दिल्ली स्थित जाफराबाद पार्क में संचालित किया जा रहा है।

निगम कमिश्नर यशपाल यादव, चीफ इंजीनियर हार्टिकल्चर बीके कर्दम एवं अन्य अधिकारियों द्वारा दिल्ली जाकर इस तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त की जा रही है, ताकि शहर में भी इस तकनीक का उपयोग समस्याओं से निजात पाया जा सके।

फरीदाबाद में सीवरेज व प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने की योजना

अधिकारियों के अनुसार इस तकनीक यानि कि माइक्रो एसटीपी को लगाने के लिए अधिक जगह की भी आवश्यकता नहीं होगी। इसे पार्क में भी लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि निगम प्रशासन द्वारा इस तकनीक की जानकारी इसलिए ली जा रही है ताकि शहर से प्रदूषण को समाप्त किया जा सके। एक कारण यह भी है की यहां पहले से लगे तीन एसटीपी आउट ऑफ ऑर्डर हो चुके हैं।

बता दें कि फरीदाबाद दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से एक है। वर्ष 2020 में आईक्यू एयर की ओर से पीएम 2.5 को आधार मान दुनिया के 106 देशों के हजारों शहरों की रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें फरीदाबाद 11वें स्थान पर रहा। वर्ष 2019 की रिपोर्ट के अनुसार फरीदाबाद 18वें स्थान पर था।

फरीदाबाद में सीवरेज व प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने की योजना

दुनियाभर के प्रदूषित शहरों में से फरीदाबाद भी एक होने का प्रमुख कारण सड़कों की नियमित रूप से सफाई न हो पाना, पुराने वाहनों का सड़कों पर लगातार दौड़ना एवं ईंट भट्टों का चलना है। इसके अलावा अनेकों औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण नियंत्रण के उपाय न करना भी प्रदूषण का एक मुख्य कारण रहा है।

चीफ इंजीनियर हार्टिकल्चर ने इस तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसके द्वारा पानी को नेचुरल तरीके से साफ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एसटीपी को जमीन के नीचे लगाया जाएगा। इसमें पानी को कुछ चुने गए पौधों की जड़ों से गुजारा जाएगा। इससे पानी को तो साफ किया ही जाएगा तथा साथ ही पौधों को भी पानी प्राप्त हो सकेगा।

निगम अधिकारियों के अनुसार शहर में सीवरेज की पानी की सफाई के लिए प्रतापगढ़, मिर्जापुर एवं बादशाहपुर में लगाए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट आऊट ऑफ ऑर्डर हो चुके हैं। वर्ष 1994 में ये तीनों एसटीपी बनाए गए थे। बता दें कि प्रतापगढ़ एसटीपी की क्षमता 50 एमएलडी, मिर्जापुर व बादशाहपुर की क्षमता 45 से 50 एमएलडी है। जिनमें प्रतापगढ़ की क्षमता को अपग्रेड कर 100 एमएलडी एवं मिर्जापुर को अपग्रेड कर 80 एमएलडी किया जा रहा है।

फरीदाबाद नगर – निगम कमिश्नर यशपाल यादव ने बताया कि उनके व अन्य अधिकारियों द्वारा दिल्ली स्थित जाफराबाद पार्क में लगे हुए माइक्रो एसटीपी तकनीक की पूरी जानकारी प्राप्त की गई है तथा जल्द ही अपने शहर में भी इस तकनीक को अपनाया जाएगा। जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि शहर की निगम सीमा में करीब 700 पार्क हैं। यशपाल यादव ने बताया कि विभिन्न जगहों पर एसटीपी लगाकर उसके पानी से सड़कों पर जमीं धूल व पेड़ पौधों पर छिड़काव करने, ग्रीन पार्क व पार्क में लगे पौधों की सिंचाई करने तथा लोगों के निर्माण कार्य में प्रयोग करने आदि के लिए किया जाएगा।