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पिछले कुछ सालों में ये हो गया शोले वाली मौसी का हाल, खाने को रोटी तक नहीं होती थी

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मनोरंजन के लिए सालो से बहुत सी फिल्मे बनती आई है। हिंदी सिनेमा में ऐसी कई फिल्में बनी हैं, जो आज भी लोगों के दिलों पर राज करती हैं और हमेशा करती रहेंगी। उनमे से कुछ ही फिल्मे ऐसी है जिन्होंने दर्शको के दिल पर छाप छोड़ दी। ऐसी एवरग्रीन फिल्मे बहुत कम ही देखने को मिलती है। जिसे आज भी लोग देखना पसंद करते है। उनमे से एक फिल्म है शोले जो 1975 में रिलीज हुई थी।

फिल्म का हर एक सीन, डायलॉग और किरदार लोगों के जेहन में बसा हुआ है। मूवी रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी थी। इस फिल्म की खानी के साथ साथ कलाकार, डायलॉग और गाने भी हिट हो गये थे।

पिछले कुछ सालों में ये हो गया शोले वाली मौसी का हाल, खाने को रोटी तक नहीं होती थी

आज भी लोग एक किरदार को कभी नहीं भूल सकते। हम बात करने जा रहे हैं साल 1975 में आई फिल्म ‘शोले’ में मौसी का किरदार निभाकर मशहूर हुईं अभिनेत्री लीला मिश्रा के बारे में। बॉलीवुड में यूं तो कई एक्टर्स हर साल आते हैं, लेकिन कम ही होते हैं जो इंडस्ट्री में अपने कदम जमा पाते हैं। पुराने जमाने में भले ही बॉलीवुड में काम मिलना लोगों के लिए कुछ हद तक आसान था, लेकिन इंडस्ट्री में जमे रहना और अपने अभिनय से दर्शकों के बीच जगह बना पाना तब भी उतना ही मुश्किल था जितना आज है।

पिछले कुछ सालों में ये हो गया शोले वाली मौसी का हाल, खाने को रोटी तक नहीं होती थी

ऐसे कई कलाकार आए जिन्होंने ना सिर्फ बढ़िया काम किया बल्कि अपने किरदारों और अभिनय के चलते अमर हो गए। लीला मिश्रा अचानक ही फिल्मों में आ गई थी और उनका फिल्मी दुनिया में आने का किस्सा बेहद दिलचस्प है। लीला मिश्रा ने 1975 में रिलीज हुई फिल्म शोले में बसंती की मौसी का रोल निभाया था। फिल्म ने उन्हें देशभर में मशहूर कर दिया था। शोले की कहानी, कलाकार, डायलॉग और गाने सब कुछ अमर हो गए थे, और उन्हीं के साथ अमर हो गया था लीला का निभाया किरदार मौसी। बोलने का तरीका, उनका चिंता जताना और जय के साथ उनकी बातचीत सबकुछ दर्शकों पसंद आया था।

पिछले कुछ सालों में ये हो गया शोले वाली मौसी का हाल, खाने को रोटी तक नहीं होती थी

फिल्म में हर किरदार अलग था और आज भी लोगों के जेहन में बसा हुआ है। फिल्म में उनका सबसे यादगार सीन वो रहा, जिसमें वीरू यानी धर्मेंद्र टंकी पर चढ़कर मौसी जी को मर जाने की धमकी देता है।

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