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क्यों मांग रहे हैं पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री एक दूसरे से इस्तीफा, दोनों राज्यो में है तनातनी

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कृषि कानून को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच में मतभेद की स्थिति लगातार बने हुए हैं दोनों ही राज्यों में किसान संगठनों के आंदोलन को लेकर तकरार शुरू हुई थी लेकिन किसानों के हित में ही पंजाब सरकार का हरियाणा की तरफ उंगली उठाना भारी पड़ गया है हरियाणा सरकार ने करीब डेढ़ दर्जन मुद्दों से पंजाब सरकार को घेरा है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंजाब और हरियाणा के कृषि क्षेत्र को लेकर फसल विविधीकरण अपनाने तक 19 बिंदु सामने रखे हैं जिसकी तुलना करते हुए पंजाब खुद को हरियाणा से छोटा महसूस कर रहा है हरियाणा में जहां 11 फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रहे हैं वहीं पंजाब में उनकी संख्या मात्र तीन है

क्यों मांग रहे हैं पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री एक दूसरे से इस्तीफा, दोनों राज्यो में है तनातनी

हरियाणा सरकार ने इस आधार पर किसान हितों के मुद्दों पर पंजाब सरकार से जवाब मांग लिया है पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस्तीफा मांगा तो पलटवार में मनोहर लाल ने भी पंजाब मुख्यमंत्री से त्यागपत्र मांग लिया, साथ ही 8 सवालों के जवाब मांगे हैं हालांकि कैप्टन अमरिंदर ने भी कुछ सवालों के जवाब दिए हैं लेकिन वह जवाब उतने संतुष्टि पूर्ण नहीं है

लेकिन हरियाणा ने भी अपना पल्ला भारी रखते हुए पंजाब में मिलने वाली सुविधाओं तथा किसानों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा किए गए मुद्दों पर आंकड़े सार्वजनिक कर एक जंग छेड़ दी है 44हजार 212 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला हरियाणा पंजाब से छोटा है उसके बावजूद भी हरियाणा में खेती 37.41 लाख खेती होती है लेकिन पंजाब में 42 लाख हेक्टयर खेती की जाती है हरियाणा की कृषि विकास 6.3 प्रतिशत है जबकि पंजाब की कृषि दर 2 पॉइंट 1 प्रतिशत है हरियाणा में चीनी मिलों की संख्या 11 है जबकि पंजाब में 16 चीनी मिल है मगर इनमें से सात बंद पड़े हैं

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हरियाणा में गेहूं जौ चना धान सूरजमुखी सरसों बाजरा मक्का कपास और मूंगफली समेत 11 फसलें ऐसी है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है कि पंजाब में मात्र तीन ही है जिसमें गेहूं धान और सूरजमुखी खेती न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है बात करें अगर हरियाणा में बिजली रेट की तो किसानों के लिए मात्र 10 पैसे यूनिट है जबकि पंजाब में कपास से मक्का उत्पादक किसानों को 4 पॉइंट ₹60 प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है

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