एक तरफ नौकरी के दावे करती है बीजेपी-जेजेपी सरकार, दूसरी तरफ आकड़े बयां करते हैं कुछ और ही कहानी

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 एक तरफ नौकरी के दावे करती है बीजेपी-जेजेपी सरकार, दूसरी तरफ आकड़े बयां करते हैं कुछ और ही कहानी

देश में बढ़ती बेरोजगारी की दर बेहद चिंताजनक है। हाल ही में जीडीपी वृद्धि दर व बेहतर जीएसटी कलेक्शन के रिकॉर्ड आंकड़े आंकने पर पाया गया कि अगस्त में बेरोजगारी दर सबसे अधिक दर्ज की गई जोकि चिंता का विषय है। देश में बेरोजगारी के आंकड़ों पर नजर रखने वाली निजी संस्था- सेंट्रल फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के ताजे आंकड़ों में बताया गया कि राष्ट्रीय बेरोजगारी दर अगस्त में 1.37% बढ़कर 8.32% हो गई जबकि यह जुलाई में यह दर 6.95% थी।

देश के सभी राज्यों में से हरियाणा राज्य 35.7% बेरोजगारी दर के साथ टॉप पर है। पिछले 5 सालों में रिकॉर्ड की गई बेरोजगारी दर में से यह दूसरी सबसे बड़ी बेरोजगारी दर है। बता दें कि कोरोना की पहली लहर के दौरान लगे लॉकडाउन के उपरांत अप्रैल 2020 में बेरोजगारी दर 43.2% पर पहुंच गई थी, जोकि अब तक की सर्वाधिक बेरोजगारी दर है।

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अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर 39.2% दर्ज की गई जबकि ग्रामीण बेरोजगारी दर 33.6% रही। हरियाणा में जुलाई में बेरोजगारी दर 28.1% थी, जोकि अगस्त माह में बड़कर 7.6% हो गई। गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिन महीनों में लॉकडाउन रहा, उन महीनों से भी अधिक बेरोजगारी दर अगस्त में दर्ज की गई है, जोकि की चिंताजनक विषय है।

देश में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 1.5% की बड़ोत्तरी के साथ 9.78% पर पहुंच गई। जुलाई में यह दर 8.3% थी। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 1.3% के इजाफे के साथ 7.64% हो गई जबकि जुलाई माह में यह 6.34% थी।
प्रदेश में जुलाई महीने में शहरों में बेरोजगारी दर 38.4% थी, जो अब 0.8% बढ़कर 39.2% हो गई है तथा ग्रामीण क्षेत्र में जुलाई में यह दर 21% थी जोकि अगस्त में 12.6% बड़ोत्तरी के साथ 33.6% हो गई है।

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प्रदेश सरकार की ओर से हमेशा से ही सीएमआईई की रिपोर्ट पर सवाल उठाए जाते रहे हैं और गलत भी बताया जाता रहा है, लेकिन अफसोस की बात है कि खुद सरकार के पास भी बेरोजगारों का सही डेटा नहीं है।
सरकार की ओर से पिछले दिनों करीब 6 लाख बेरोजगार होने का अनुमान जताया गया था।

लेकिन ग्रुप-सी व ग्रुप डी की नौकरियों को लेकर होने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए अब तक 7.95 लाख युवा रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। रोजगार पोर्टल पर भी 8,68,584 युवा रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। साथ ही सक्षम युवा रोजगार योजना में भी 3,87,871 रजिस्ट्रेशन हुए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि जब से कोरोना काल शुरू हुआ है तब से ही केवल नाममात्र ही सरकारी नौकरियां दी गई हैं तथा जो भर्ती प्रक्रिया पहले से चल रही थीं वे भी लटकी हुई ही हैं। जो परीक्षा होती हैं वे भी किसी न किसी कारणवश रद्द हो जाती हैं। पुरानी नोकरियों से भी लोग हाथ धोते जा रहे हैं।

एक तरफ नौकरी के दावे करती है बीजेपी-जेजेपी सरकार, दूसरी तरफ आकड़े बयां करते हैं कुछ और ही कहानी

देश के युवाओं का कहना है कि पिछले कुछ समय में अनेकों भर्तियां रद्द हुई हैं। उनका कहना है कि पीजीटी संस्कृत के 626, पीजीटी अंग्रेजी के 1035 की भर्ती रद्द की गई। जूनियर लेक्चरर सहायक के 61 पदों एवं आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर्स के 816 पदों के लिए भर्ती की भी स्थिति ऐसी ही रही है।

अभी पिछले दिनों ग्राम सचिव व पुलिस सिपाही की भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने के कारण रद्द की गई। जेबीटी के लिए भी भर्ती नहीं निकल रही है। ग्रुप-सी व डी को लेकर सीईटी के लिए 4 बार रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ चुकी है, लेकिन टेस्ट कब होंगे और नौकरी कब मिलेंगी यह नहीं बताया जा रहा।