फरीदाबाद नगर निगम नहीं कर पा रहा ठेकेदारों का भुगतान, हाईकोर्ट में याचिका दायर, यशपाल यादव को रखना होगा अपना पक्ष

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 फरीदाबाद नगर निगम नहीं कर पा रहा ठेकेदारों का भुगतान, हाईकोर्ट में याचिका दायर, यशपाल यादव को रखना होगा अपना पक्ष

फरीदाबाद नगर निगम को हाईकोर्ट की ओर से कभी भी बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि इस समय नगर निगम की आर्थिक स्थिति इतनी बद्तर हो चुकी है कि पेमेंट के लिए ठेकेदारों को हाईकोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है। निगम प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट में ठेकेदारों की पेमेंट को लेकर अवमानना याचिका पर सुनवाई चल रही है।

ठेकेदारों का करीब 65 करोड़ निगम को भुगतान करना है। अनेकों सुनवाई एवं हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद भी निगम प्रशासन ठेकेदारों का भुगतान करने में सक्षम नहीं हो पा रहा है। इसी संबंध में निगम की ठेकेदार एसोसिएशन द्वारा अवमानना याचिका दायर की गई थी, जिस पर 30 सितंबर 2021 को सुनवाई होनी है।

फरीदाबाद नगर निगम नहीं कर पा रहा ठेकेदारों का भुगतान, हाईकोर्ट में याचिका दायर, यशपाल यादव को रखना होगा अपना पक्ष

उपर्युक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भी भी निगम प्रशासन ने ठेकेदारों को जल्द भुगतान करने के आदेश दिए गए हैं। निगम प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश पर कई बार ठेकेदारों का भुगतान करने का भी प्रयास किया तथा निगम प्रशासन द्वारा समय – समय पर पार्ट पेमेंट भी जारी की गई।

फरीदाबाद नगर निगम नहीं कर पा रहा ठेकेदारों का भुगतान, हाईकोर्ट में याचिका दायर, यशपाल यादव को रखना होगा अपना पक्ष

लेकिन इसके बावजूद भी हाईकोर्ट ठेकेदारों का पूरा भुगतान नहीं कर पाया। ठेकेदार एसोसिएशन एवं निगम आयुक्त के बीच इस मामले को लेकर कई बार वार्ता होने के बावजूद भी ठेकेदार कई सालों से अपनी पेमेंट को लेकर धक्का खा रहे हैं।

फरीदाबाद नगर निगम नहीं कर पा रहा ठेकेदारों का भुगतान, हाईकोर्ट में याचिका दायर, यशपाल यादव को रखना होगा अपना पक्ष

निगम प्रशासन की कार्रवाई से दुखी होकर ही ठेकेदार एसोसिएशन द्वारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटकाया गया था। ठेकेदारों की याचिका पर सख्ती दिखाते हुए हाईकोर्ट ने निगम प्रशासन को हिदायत भी दी थी, लेकिन फिर भी ठेकेदारों की पेमेंट का भुगतान नहीं किया जा सका। एक बार फिर से 30 सितंबर 2021 को यह मामला अवमानना के तौर पर हाईकोर्ट में सुना जाएगा। वर्तमान में निगम आयुक्त के पद पर नियुक्त यशपाल यादव को इस मामले को लेकर अपना पक्ष हाईकोर्ट के समक्ष रखना होगा।