अफगानिस्तान काफी सुर्खियों में बना हुआ है। 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लेने के बाद अफगान के बाशिंदों पर जुल्म करने के बाद अब तालिबानी लड़ाके बेज़ुबान जानवरों को अपने कहर का निशाना बना रहे हैं। तालिबान के डर से इंसान तो भागने लगे हैं, लेकिन चिड़ियाघर के बेज़ुबान जानवर भला कहां भाग जाएं? वे तो वहीं फंसे हुए हैं, उस पर भी खतरनाक लड़ाकों की खूंखार आंखें और हथियार उनमें खौफ पैदा करने के लिए काफी हैं।
अपनी नई छवि दिखाने की कवायद कर रहा तालिबान असल में पुरानी बर्बरता पर उतर आया है। एक तस्वीर में जिस तरह तालिबानी लड़ाके ने एक भालू की ओर अपनी बंदूक तान रखी है, उसे देखकर इन जानवरों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि जानकारी के मुताबिक चिड़ियाघर में अब भी जानवरों की सेवा की जा रही है, लेकिन तालिबानियों का क्या? उनके लिए इंसान की जान लेना जब इतना आसान है, फिर ये तो बेज़ुबान जानवर ठहरे।
अफगानिस्तान से अब तक सैंकड़ों लोगों को भारत सरकार निकालकर स्वदेश वापस ला चुकी है। अफगानिस्तान में तालिबानियों का राज कायम होने के बाद इंसान तो डर के मारे वहां से भागने लगे हैं, लेकिन चिड़ियाघर के बेज़ुबान जानवर भला कहां भाग जाएं? वे तो वहीं फंसे हुए हैं, उस पर भी खतरनाक लड़ाकों की खूंखार आंखें और हथियार उनमें खौफ पैदा करने के लिए काफी हैं।
आतंकी संगठन के काबुल पर कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में मानवाधिकार हनन की घटनाएं बढ़ गई हैं। तालिबानी लड़ाका मांद में खड़े भालू की ओर अपनी बंदूक ताने हुए है, जबकि बाकी लड़ाके ये नजारा खड़े होकर बड़े आराम से देख रहे हैं। नीचे खड़ा भालू बंदूक को देखकर सहमा नजर आ रहा है। चिड़ियाघर के इन जानवरों का गेम अब ओवर हो चुका है, क्योंकि कुछ इसी तरह तालिबानी इन जानवरों को ट्रीट करने वाले हैं और ये तो भाग भी नहीं सकते।
इस बात की पुष्टि की गई है कि इस भालू को मारा नहीं गया है और चिड़ियाघर के अंदर बाकी जानवरों का खाना-पानी चल रहा है। आतंकी समूह द्वारा किए जा रहे अत्याचारों का खुलासा किया गया है।