स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी नाम की दुलर्भ बीमारी है। मेरे दस माह के बच्चे को बचाने के लिए कोई तो फरिश्ता आ जाए। एक इंजेक्शन लगाने के लिए कहा है जिसकी कीमत 16 करोड़ है। इंजेक्शन अमेरिका की एक कंपनी ही बनाती है। मेरी सारी जमीन जायदाद बेचने के बाद भी इतनी राशि जुट पाती तो मैं इसे मंगा लेती। अब कोई फरिश्ता या सरकार ही मेरे बेटे की जान बचा सकती है।’ यह निवेदन था रोहतास जिले के इंद्रपुरी थाना क्षेत्र के पटनवां निवासी नेहा सिंह का।
जब हम किसी की मदद करते है तो उससे बदले में कुछ नही लेते है क्योंकि अगले का भला हो जाये इससे हमे ख़ुशी मिलती है। नेहा बताती हैं कि अयांश दो महीने की उम्र तक स्वस्थ था। उसके बाद हाथ-पैर हिलना बंद होने लगे। कई जगह इलाज कराया। कहीं ठीक नहीं हुआ। एक शर्मनाक घटना सामने आई है। जहाँ 1 साल के बच्चे को स्पाईनल मस्कुलर एट्राफी बीमारी हो गयी है जिससे उसकी जान तक जा सकती है।
चिकित्सकों की सलाह पर बेंगलूर ले गई जहां चिकित्सकों न छह माह के इलाज के बाद स्पाइन मस्कुलर अट्रोफी टाइप एक की बीमारी बताया है। इसके लिए उसके घरवालो ने क्राउड फंडिंग की थी। लोगो ने दिल खोलकर पहले तो मदद की लेकिन बाद में वे मदद का पैसा वापिस मांग रहे है। घटना बिहार की राजधानी पटना के रुकन पूरा के आलोक और उसकी पत्नी नेहा सिंह के साथ हुई है। उसकी शादी से पहले पति पर 420 का केस हो चूका था। वे इस केस के बारे में ज्यादा कुछ नही जानती थी क्योंकि उनकी शादी उस समय नही हुई थी।
इसका एकमात्र इलाज जोलगेन्समा इंजेक्शन है। केस 2011 में हुआ था जब आलोक एक इंस्टीट्यूट चलाता था। जिसमें वह बच्चो का प्लेसमेंट करता था और जिन बच्चो का प्लेसमेंट नही हुआ उन्होंने उसपर केस कर दिया कि उसने उनके पैसे खाए है। लोगो का कहना था कि आलोक फ्रोड है और उनके पैसे लेकर भाग जायेगा। इस बात से परेशान होकर अलोक ने खुद को कोर्ट में सरेंडर तक कर दिया है।
नेहा ने बताया कि उन्हें कई लोगो के फोन आ चुके है। अयांश की जान बचाने के लिए 16 करोड़ रुपए के इंजेक्शन की दरकार थी। यु ट्यूब वाले लोग भी फोन करके गाली दे रहे है। नेहा ने कहा वे हमसे पैसे वापिस मांग रहे है। हालंकि मैंने एक आदमी का 51 हजार रूपये वापिस कर दिया है। लेकिन अगर मैं सभी का पैसा वापिस करने लग जाउंगी तो मेरा बच्चा मर जायेगा। उसका इलाज कैसे होगा? नेहा ने बताया कि अयांश को 16 करोड़ का इंजेक्शन लगना है जबकि अबतक उनके पास 6 करोड़ 92 लाख रूपये ही इकट्ठा हो पाए है और वे भी लोग वापिस मांग रहे है।