फरीदाबाद औद्योगिक नगरी में बाल भिक्षुक मुक्त फरीदाबाद योजना शुरू की गई है, जिसके तहत जिले से भीख मांगने वाले बच्चों पर पूरी तरह रोक लगाकर उनका पुनर्स्थापन किया जाएगा। ऐसा कार्य करने वाला फरीदाबाद देश का पहला जिला होगा।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंगलेश कुमार चौबे द्वारा बताया गया कि प्राधिकरण द्वारा जिले के संबंधित गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से उपर्युक्त योजना का संचालन पहले से ही शुरू किया जा चुका है, लेकिन योजना के क्रियान्वन में कुछ समस्याएं आड़े आ रही हैं जोकि प्राधिकरण के नोटिस में आई हैं।
सुशील भाटिया ने बताया कि जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन एक्ट – 2015 की धारा – 76 के तहत बच्चों को भीख मांगने के कार्य में लगाने तथा प्रयोग करने का दोषी पाए जाने पर भी किसी भी संबंधित व्यक्ति को 5 साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया है। योजना के तहत यदि किसी ऐसे बच्चे को पकड़ा जाता है
तो उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा तथा उनके पुनर्स्थापना हेतु गार्जियन अथवा कस्टोडियम नियुक्त करके स्थिति को नियंत्रित किया जाता है। ऐसे बच्चों के पुनर्स्थापना कार्य हेतु जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण टीम की आवश्यक सहायतार्थ ड्यूटी बाउंड स्पेशल जुवेनाइल पुलिस ऑफिसर की नियुक्ति का प्रावधान भी है।
इस संबंध में यदि किसी भी पुलिस अधिकारी द्वारा असहयोग का रवैया बरता जाता है या लापरवाही प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में जारी पत्र की अवमानना तथा संबंधित अधिनियम का उल्लंघन किया जाता है तो यह एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
मंगलेश कुमार चौबे द्वारा बताया गया कि इन परिस्थितियों में जिले के सभी एसजेपीओ को प्राधिकरण की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि वे इस प्रकार के बच्चे के कार्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम को सहयोग अवश्य दें तथा इस प्रकार के बच्चों को यदि किसी व्यक्ति द्वारा भीख मांगने के लिए बाध्य किया जाता है या काम पर रखा जाता है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।