Homeसिर्फ 30 की उम्र में ही नानी बन गयी ये महिला, जानिये...

सिर्फ 30 की उम्र में ही नानी बन गयी ये महिला, जानिये क्यों नाती को लोग समझ लेते हैं बेटा

Array

Published on

हर किसी का सपना होता है कि वह जल्द से जल्द अपनी आने वाली पीढ़ी को देखें। यह सपना बेहद ही ख़ास होता है। किसी भी औरत के लिए दादी या नानी बनना बेहद खास अनुभव होता है। अपने बच्चों के बच्चों को गोद में पहली बार उठाते ही कोई भी दादी या नानी भावुक हो जाती है। आमतौर पर जब हम दादी या नानी का जिक्र करते हैं तो हमारे जहन में कोई वृद्ध महिला ही आती है।

वृद्ध महिला की छवि हमारे ज़हन में बन गयी है कि दादी और नानी ऐसी ही दिखाई देती हैं। मगर आज हम आपको एक ऐसी नानी के बारे में बताने जा रहे हैं जो महज 34 साल की है और उसे नानी कहलाना बिल्कुल भी पसंद नहीं है।

सिर्फ 30 की उम्र में ही नानी बन गयी ये महिला, जानिये क्यों नाती को लोग समझ लेते हैं बेटा

बच्चे के लिए उसकी पहली पाठशाला उसका घर होती है। नानी की उम्र शायद ये सुनकर दंग रह गए होंगे मगर ये सच है। स्कॉटलैंड के एडिंगबर्ग में रहने वाली रोजी मोरांट जब 16 साल की थीं तब उन्होंने अपनी बेटी मॉर्गन को जन्म दिया था। 34 साल की उम्र तक रोजी नानी बन गई थीं। रोजी की 18 साल की बेटी मॉर्गन ने नवंबर 2020 में अपने बेटे रॉक्स को जन्म दिया था। अब रोजी 35 की हो चुकी हैं और उनकी बेटी 19 साल की मगर रोजी अभी भी नानी कहलाने के लिए तैयार नहीं हैं।

सिर्फ 30 की उम्र में ही नानी बन गयी ये महिला, जानिये क्यों नाती को लोग समझ लेते हैं बेटा

जो भी उन्हें देखता है यकीन नहीं कर पाता। यकीन हो भी कैसे? रोजी कहा- “मुझे मिला-जुला एहसास हुआ जब मुझे पता चला कि मैं नानी बनने वाली हूं। मुझे मालूम था कि मैं बाकी ग्रैंडपेरेंट्स से उम्र में छोटी रहूंगी मगर इतनी छोटी, मैंने इस बात की उम्मीद नहीं की थी. मुझे ये सोचकर बड़ा अजीब लग रहा था कि मुझे मेरा नाती, नानी बुलाएगा।

सिर्फ 30 की उम्र में ही नानी बन गयी ये महिला, जानिये क्यों नाती को लोग समझ लेते हैं बेटा

घर से बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं। उन्हें नानी और दादी भी बहुत कुछ सिखाती हैं। रोजी ने बताया कि जब वो अपने नाती के साथ बाहर जाती हैं तब लोग उसे उनका बेटा समझ लेते हैं।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...