हरियाणा के अंतर्गत आने वाले रोहतक जिले में स्थित महम कस्बे के गांव निदाना में मंगलवार को की जा रही खुदाई के दौरान अनोखी चीज सामने देखने को मिली, जिसे देखने के लिए मिलो दूर से लोग चलकर गांव तक आए। इतना ही नहीं दूर से आने वाले लोगों ने ना सिर्फ विचित्र चीजों को देगा बल्कि अनेकों ने तो इसकी विचित्र ईंटों के चित्र अपने कैमरा में कैद कर सोशल मीडिया पर भी साझा कर रहे हैं।
वही सबसे अजीब बात यह है कि यह कुछ खास भी नहीं है केवल एक ऐसी ईट है जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं औरतों का वजन आपको बता दे कि करीब 17 से 18 किलोग्राम है।
वहीं अगर बात करें कि ईंट की लंबाई 16 इंच, मोटाई 4 इंच और चौड़ाई साढ़े 10 इंच है। इन ईंटों को देखकर एक बार खुदाई करने वाले सहम गए। ईंटों के ऊपर बीच में तीन लाइनें लगी हुई हैं, जो थोड़ी गहरी हैं। ईंटों की बनावट आज के समय से बिल्कुल अलग है। ग्रामीणों के मुताबिक, ये ईंटें हजारों साल पुरानी हो सकती हैं। लेकिन यह शोध का विषय है और पुरातत्ववेत्ता ही कार्बन डेटिंग के हिसाब से गणना करके बता सकते हैं कि ये कितने वर्ष पुरानी हैं।
निंदाना तिगरी गांव निवासी सुरेंद्र का खेत महम मार्ग पर स्थित है। सुरेंद्र ने ईंट भट्ठा चलाने वाले एक व्यक्ति को अपने खेत की मिट्टी उठाने को दे दी थी। ठेकेदार ने खेत की डेढ़ फुट नीचे तक खुदाई करवाई। इस दौरान ट्रैक्टर के फालों में पक्की ईंटें फंस गईं। और खुदाई की गई तो वहां पर काफी संख्या में विचित्र किस्म की प्राचीन ईंटें मिलीं। जिनकी लंबाई, चौड़ाई, मोटाई और वजन देखकर लोग दंग रह गए। खुदाई के दौरान बहुत-सी ईंटें तो टूट गई। जबकि चार पांच ईंटें अब भी सुरक्षित हैं। ये ईंटें पूरे गांव में चर्चा का विषय बनी हुई हैं और लोग इन्हें देखने के लिए आ रहे हैं।
किसान सुरेंद्र एक ईंट घर पर भी लेकर आया है। जिसका कभी लोग वजन करते हैं तो कभी इसकी लंबाई चौड़ाई माप रहे हैं। ग्रामीण ईंट को हाथ में उठाकर भी देखते हैं। सब यही कह रहे हें कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी बड़ी ईंट नहीं देखी। ये ईंटें निकलने के पीछे यह बात भी चल पड़ी है कि जहां पर ये ईंटें निकली हैं, वहां पर किसी काल में बस्ती होती थी। यदि पुरातत्व विभाग इन ईंटों को अपने कब्जे में लेकर इनकी जांच करे तो इस क्षेत्र में किसी कालक्रम में मनुष्य के जीवन से जुड़े इतिहास की परतें खुल सकती हैं।
बात केवल एक ईंट की नहीं है, इससे यह भी साबित होता है कि लोग डिजिटल टेक्नोलॉजी आने के बावजूद भी इस तरह के प्राचीन अद्भुत चीजों में अपनी जिज्ञासा व्यक्त करने में कहीं कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ते हैं। यह तो अच्छी बात है कि लोग अभी भी अपने इतिहास से जुड़ाव रखना पसंद कर रहे हैं।