अब आपके निवास तक पहुंचेगा आपका पैसा, महिलाओं को निरीक्षण कर बनाया जाएगा निपुण

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 अब आपके निवास तक पहुंचेगा आपका पैसा, महिलाओं को निरीक्षण कर बनाया जाएगा निपुण

अब गांव-गांव में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सीएससी सेंटर ना सिर्फ उपलब्ध कराया जाएगा बल्कि बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट के रूप में उनको नियुक्त करने की पहल की जा रही हैं। इतना ही नहीं अब यह महिलाएं सरकार की योजना के तहत आप के निवास पर पहुंच ना सिर्फ लोगों का पैसा जमा करेंगे वही जरूरत पड़ने पर उनके खुद के अकाउंट के जमा राशि में से भी पैसा देगी।

जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह का गठन किया जाता हैं। इन समूह में दस महिलाएं तक होती हैं। इसमें काफी महिलाएं पढ़ी लिखी होती है तो अपना काम कर रही है। इन पढ़ी लिखी महिलाओं का ही अब चयन किया गया है। 12वीं पास इन 198 महिलाओं का चयन कर इनको ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वह अपने पैर पर खड़ी हो सकें।

अब आपके निवास तक पहुंचेगा आपका पैसा, महिलाओं को निरीक्षण कर बनाया जाएगा निपुण

(आइआइबीएफ) की तरफ से इन महिलाओं का टेस्ट लिया जाएगा। यह उनको पास होने पर सर्टिफिकेट जारी करेगी। उसके बाद ही उनको सीएससी सेंटर मिलेंगे। उनकी आइडी उनको मिल पाएगी। दरअसल, जिले में ऐसे 198 महिलाओं का चयन किया गया हैं। इन महिलाओं को अब ट्रेनिंग दी जा रही है।

अब आपके निवास तक पहुंचेगा आपका पैसा, महिलाओं को निरीक्षण कर बनाया जाएगा निपुण

यह ट्रेनिंग ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की तरफ से गांव हरिपुर और पालुवास में दी जा रही है। भिवानी डीपीएम शिखा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 198 महिलाओं का चयन किया गया हैं। उनकी ट्रेनिंग चल रही है। यह महिला सशक्तिरण में अहम होगा। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं तेजी से आगे बढ़ पाएंगी।

अब आपके निवास तक पहुंचेगा आपका पैसा, महिलाओं को निरीक्षण कर बनाया जाएगा निपुण

महिलाओं को सीएससी सेंटर मिलेगी। इस पर काम करने के लिए अभी ट्रेनिंग चल रही है। सीएससी चलाने वाली इन महिलाओं को डिजी पेय सखी के नाम से जाना जाएगी। इसी प्रकार बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट सखी के नाम से भी महिलाओं को काम दिया जाएगा। इनका बैंक से अनुबंध होगा और वह अपने गांव में बैंक के लिए काम करेगी। वह गांव के बुजुर्ग व अन्य लोगों को पैसों की जरूरत पड़ने पर उनके खाते का पैसा देगी। इस लिए उनको यह नाम दिया गया है। इससे पेंशन, पैसा निकलने वाले ग्रामीणों को दूसरे गांव में भटकते हुए परेशान नहीं होना पड़ेगा।