21 वीं सदी बेबस भरी? 70 साल का बुजुर्ग, बीमार पत्नी को कंधे लेकर चला 4 KM, जो आगे हुआ जानकार आंसू आ जाएंगे

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     21 वीं सदी बेबस भरी? 70 साल का बुजुर्ग, बीमार पत्नी को कंधे लेकर चला 4 KM, जो आगे हुआ जानकार आंसू आ जाएंगे

    देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं लेकिन अभी भी लोग बेबस हैं। शहरों के साथ-साथ लगभग सभी गांव में भी यातायात के साधन उपलब्ध हैं। पहले के जमाने में जहां थोड़ा सा सफर तय करने में घंटों लग जाते थे वही आज संसाधनों की उपलब्धता के चलते यह सफर कुछ मिनटों में ही पूरा हो जाता है। लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो संसाधनों के अभाव में जी रहे हैं और इसके चलते उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है ,

    70 साल का बुजुर्ग पुरुष अपनी बीमार पत्नी को कंधे पर उठाया और 4 किलोमीटर तक पैदल चला। आज भी भारत में कई इलाके इतने पिछड़े हैं कि यहां मूलभूत सुविधाओं तक लोगों की पहुंच नहीं है।

    21 वीं सदी बेबस भरी? 70 साल का बुजुर्ग, बीमार पत्नी को कंधे लेकर चला 4 KM, जो आगे हुआ जानकार आंसू आ जाएंगे

    70 साल के अदल्या पाडवी की 65 साल की पत्नी सिदलीबाई की तबियत बहुत खराब हो गई। पत्नी की तबीयत खराब हो जाने पर उसको अपने गांव से मुख्य अस्पताल में ले जाने के लिए कोई साधन न होने के कारण कंधे पर ही 4 किलोमीटर तक पैदल चला परंतु अस्पताल पहुंचने से पहले ही बीच रास्ते में उसकी पत्नी ने दम तोड़ दिया।

    21 वीं सदी बेबस भरी? 70 साल का बुजुर्ग, बीमार पत्नी को कंधे लेकर चला 4 KM, जो आगे हुआ जानकार आंसू आ जाएंगे

    आज के आधुनिक युग के जमाने में ऐसी खबर सुनाई देना बहुत ही निंदनीय और दुखद है। यह घटना महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले के चांदसैली गांव की है। इस घटना को सुनकर हर किसी का दिल बेहद दुखी हो रहा है। अपने गांव में रहने वाले 70 साल के अदल्या पाड़वी भी की पत्नी सिदली बाई की तबीयत खराब हो गई। इसके बाद जब वह अस्पताल ले जाने लगा तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बारिश और भूस्खलन के चलते हैं सारे रास्ते बंद हो गए थे जिसके बाद बुजुर्ग ने अपनी पत्नी को कंधे पर उठाया और पैदल ही हॉस्पिटल के लिए निकल पड़ा।

    21 वीं सदी बेबस भरी? 70 साल का बुजुर्ग, बीमार पत्नी को कंधे लेकर चला 4 KM, जो आगे हुआ जानकार आंसू आ जाएंगे

    गांव तक कोई गाड़ी नहीं आ सकती थी और पत्नी की हालत लगातार गंभीर होती जा रही थी। बारिश और भूस्खलन के कारण गांव में कोई भी गाड़ी नहीं आ सकती थी और अपनी पत्नी की हालत बेहद गंभीर देख कर बुजुर्ग ने पैदल जाना ही मुनासिब समझा और अपनी पत्नी को अपने कंधों पर उठा लिया। 70 वर्ष की उम्र होने के कारण शरीर काफी कमजोर हो चुका था और हड्डियां बार बार जवाब दे रही थी इसलिए रास्ते में काफी बार पत्नी को नीचे बैठाना पड़ा।