आखिर भारत ने बना ली वह मशीन जिस पर चीन को था बड़ा घमंड, जानिए इसकी खासियत

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     आखिर भारत ने बना ली वह मशीन जिस पर चीन को था बड़ा घमंड, जानिए इसकी खासियत

    बुलेट ट्रेन को लेकर रेलवे ने बड़ी ही खास तैयारी कर ली है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को स्वदेश में ही डिजाइन की हुई और निर्मित फुल-स्पैन लॉन्चिंग इक्विपमेंट-स्ट्रेडल कैरियर तथा गर्डर ट्रांसपोर्टर को वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन मशीनों से मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल गलियारे में मेहराबदार ढांचे के निर्माण में तेजी आयेगी।

    कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण और सौंपने में धीमी प्रगति के चलते प्रोजेक्ट में देरी की बात सामने आई थी। इस ख़ास अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के तहत सरकार भारतीय रेलवे को देश के समावेशी विकास का इंजन बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय रेलवे एक नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है, जिसमें आम जन की भावना समाहित हैं।

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    इस मशीन का इस्तेमाल बुलेट ट्रेन कॉरिडोर को बनाने में किया जाता है। इस मशीन को अक्सर चाइना जापान कोरिया जैसे देशों में देखा गया है। आज 21वीं सदी में भविष्य को दृष्टि में रखकर योजनाएं बनाने और उन्हें धरातल पर कार्यान्वित करने की जरूरत है। रेल मंत्री ने कहा कि आज का समारोह उसी नए भारत की तरफ कदम बढ़ाने का एक उदाहरण है।

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    मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का इंतजार लोग बेसब्री के साथ कर रहे हैं। ये मशीन काफी तेजी से बुलेट ट्रेन कंस्ट्रक्शन के काम को कंप्लीट करती है और अब इसी मशीन को एक भारतीय कंपनी के द्वारा पूर्ण स्वदेशीकरण से तैयार किया गया है जो भारत में बनने वाली बुलेट ट्रेन के काम में काफी ज्यादा तेजी लाएगी।

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    रेलवे ने इस 508 किलोमीटर लंबे रूट पर हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर पुलों के निर्माण के लिए एक खास इंतजाम किया है। 508 किलोमीटर लंबे मेहराबदार निर्माण के लिये उत्कृष्ट प्रणाली इस्तेमाल की जा रही है। इस निर्माण में फुल-स्पैन लॉन्चिंग प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रौद्योगिकी के जरिये पहले से तैयार पूरी लंबाई वाले गर्डरों को खड़ा किया जाता है, जो बिना जोड़ के पूरे आकार में बने होते हैं।