किसान धरने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है पंजाब, नौकरी रेवेन्यू और इन्वेस्टमेंट गवां कर करना पड़ रहा है भुगतान

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 किसान धरने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है पंजाब, नौकरी रेवेन्यू और इन्वेस्टमेंट गवां कर करना पड़ रहा है भुगतान

किसान संगठन नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का आंदोलन पंजाब में बहुत प्रभावी है कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को होशियारपुर में दावा किया कि किसान आंदोलन के कारण पंजाब सरकार को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान हुआ है.  इस बयान पर जमकर राजनीति हुई ।

इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने सफाई देते हुए कहा है कि यदि पंजाब में लगातार किसान धरना जारी रहता है तो इससे पंजाब के नॉकरी, इन्वेस्टमेंट, पर फर्क पड़ेगा अर्थात पंजाब आर्थिक रूप से कमजोर हो जाएगा यह लड़ाई सरकार के खिलाफ है ना कि हमारे खिलाफ है ।

किसान धरने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है पंजाब, नौकरी रेवेन्यू और इन्वेस्टमेंट गवां कर करना पड़ रहा है भुगतान

सभी किसान बीजेपी की किए से पीड़ित है पंजाब लगातार किसानों के साथ खड़ा है परंतु यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस वजह से पंजाब आर्थिक संकट की ओर बढ़ता जा रहा है पंजाब मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुखद है किसान आंदोलन को लेकर उनके बयान पर राजनीतिक करार दिया गया है पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पंजाब में आंदोलन ना करने की अपील पर हरियाणा में सियासी तूफान खड़ा हो गया है

पंजाब में अकाली दल आम आदमी पार्टी ने कैप्टन के किसान हितेषी होने पर सवाल खड़ा किया है वही हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने भी कैप्टन पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाया है गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि जो कल तक किसानों के साथ खड़े थे आज उनसे खफा हो गए हैं

किसान धरने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है पंजाब, नौकरी रेवेन्यू और इन्वेस्टमेंट गवां कर करना पड़ रहा है भुगतान

2022 में होने वाले पंजाब चुनाव में किसान आंदोलन एक अहम मुद्दा बनकर खड़ा होगा ऐसे में इस पर कही हुई हर बात पर राजनीति होना लाजमी है सभी राजनीतिक दल इस समय खुद को किसानों का हितैषी साबित करने का की कोशिश करेंगे हालांकि पंजाब कॉन्ग्रेस पूरी तरह किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो चुकी है लेकिन एक बयान के बाद कॉन्ग्रेस विरोधियों में किसान नेताओं के निशाने पर आ गई है

कैप्टन अमरिंदर सिंह का बयान

कैप्टन अमरिंदर सिंह में होशियारपुर में किसानों से यह अपील की है कि वह पंजाब में आंदोलन ना करें और पंजाब की स्थिति के बारे में भी सोचे पंजाब में 113 जगह किसान डट कर बैठे हैं इससे पंजाब आर्थिक रूप से कमजोर होता जा रहा है कैप्टन ने यह तक कह दिया कि यदि किसानों को पंजाब में ही रोक दिया जाता तो वह आज बॉर्डर ओं पर यूं ना बैठे होते वह किसान केंद्रों पर दबाव बनाने के लिए कहीं भी दिल्ली या हरियाणा में जो चाहे करें लेकिन पंजाब का नुकसान ना करें

किसान धरने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है पंजाब, नौकरी रेवेन्यू और इन्वेस्टमेंट गवां कर करना पड़ रहा है भुगतान

किसानों को बहका रहे हैं कैप्टन अमरिंदर

मैं के गृह मंत्री अनिल विज ने यह कहा है कि पंजाब मुख्यमंत्री किसानों को भड़का रहे हैं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का यह गैर जिम्मेदाराना बयान की हरियाणा में जो चाहे करें पंजाब को नुकसान ना पहुंचाएं इसका मतलब है कि वह पंजाब और हरियाणा की शांति को भंग करना चाहते हैं