वर्तमान समय में आधार कार्ड यूं तो अन्य सभी प्रमाण पत्रों एवं कार्डों से अलग एक पहचान पत्र है जोकि प्रत्येक भारतीय को एक अनूठी पहचान उपलब्ध कराता है। लेकिन आधार कार्ड को किसी भी व्यक्ति की सही उम्र का पता लगाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक फैंसले में यह बात कही कि आधार कार्ड को उम्र के सबूत के तौर पर प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है, क्योंकि 12 अंकों वाले इस आधार कार्ड के लिए अप्लाई करते समय किसी भी दस्तावेज की नहीं मांगी जाती है।
हरियाणा के जींद जिले से भागे हुए एक प्रेमी जोड़े की याचिका पर हाईकोर्ट के जस्टिस अनमोल रतन सिंह ने सुनवाई करते समय यह फैंसला दिया। प्रदेश के अधिकारियों को कोर्ट द्वारा लड़की की सही उम्र का पता लगाने व गलत पाए जाने पर उचित किए जाने का भी आदेश दिया गया।
कोर्ट ने कहा कि घर से भागे प्रेमी जोड़े के पास आधार कार्ड के अलावा अन्य कोई दस्तावेज नहीं है, जिससे उनकी सही उम्र का पता लग सके तथा आधार कार्ड के लिए अप्लाई करते समय किसी भी प्रकार के किसी दस्तावेज को नहीं मांगा जाया है। ऐसे में आधार कार्ड को उनकी सही उम्र का सबूत नहीं माना जा सकता। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत यदि लड़की की उम्र कम पाई जाती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल कोर्ट द्वारा प्रेमी जोड़े की सुरक्षा के लिए जींद पुलिस को निर्देश जारी किए गए हैं। बता दें कि बीते 26 अगस्त को प्रेमी जोड़े ने परिवार वालों के इच्छा के विरुद्ध जाते हुए शादी रचा ली थी और अब अपनी सुरक्षा के लिए वे हाईकोर्ट से गुहार लगाते हुए शरण में आए हैं।