देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी का यदि भविष्य में कभी इतिहास लिखा जाएगा तो उनके प्रधानमंत्री बनने के साथ रेवाड़ी जिले का नाम हमेशा ही जुड़ा रहेगा। भाजपा से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित होने के ठीक 2 दिन बाद 15 सितंबर 2013 को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवाड़ी जिले की इसी वीरभूमि पर अपनी पहली रैली की थी। विश्व समुदाय की नजरें इस समय इस रैली पर टिकी हुई थीं।
पूरी दुनिया उस समय भावी प्रधानमंत्री के अहम मुद्दों पर उनका उनका दृष्टिकोण जानने की इच्छुक थी। इस छोटे से शहर में उस दिन देश – विदेश का मीडिया एकात्रिक था, ताकि वे यह जान सकें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रैली के माध्यम से देश – विदेश को क्या संदेश देंगे।
रेवाड़ी जिले की अपनी इस पहली रैली में मोदी ने किसी भी जन को निराश नहीं किया। उन्होंने उस दिन पूरी दुनिया लेकिन खासकर पाकिस्तान को तीन नसीहतें दीं थीं। आपस में लड़ने की बजाय उन्होंने उस दिन विश्व समुदाय को भूख, गरीबी, अशिक्षा तथा आतंकवाद से लड़ने का आह्वान किया था। अब अपनी दूसरी पारी पर पहुंच चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुबान पर अब भी रेवाड़ी रैली का जिक्र आ ही जाता है।
यूं तो वर्ष 2019 के चुनाव के दौरान भी नरेंद्र मोदी का रेवाड़ी आना हुआ था लेकिन उनकी पहली रैली का ऐतिहासिक महत्व हमेशा ही सबसे अहम होगा। वर्तमान समय में जो हालात अफगानिस्तान में हैं वे एक दिन में ही पैदा नहीं हुए। आज तालिबानियों को लेकर जो चिंता पूरे विश्व में जताई जा रही है, वैसी चिंता आज से आठ वर्ष पहले ही मोदी ने अपनी पहली रैली में जताई थी। उस समय मोदी ने पाकिस्तान का आह्वान करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को भारत से लड़ने की नहीं बल्कि आतंकवाद, अशिक्षा, अंधविश्वास व भूख – गरीबी से लड़ने की आवश्यकता है।
इतना ही नहीं वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा भी रेवाड़ी जिले की रैली से ही जोर पकड़ा था। ऐसा होने के पीछे के वजह यह भी थी कि नरेंद्र मोदी ने अपनी यह पहली रैली पूर्व सैनिकों एवं अर्धसैनिकों से संवाद के लिए रखी थी। इस रैली को पूर्व सैनिक रैली का ही नाम दिया गया था। उसके बाद रेवाड़ी ने फिर कभी इतनी बड़ी रैली नहीं देखी। केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन का नियम लागू होना, इसी रैली में उठाए गए मोदी के मुद्दे का परिणाम था।
गौरतलब है कि उस रैली में जनरल वीके सिंह जैसे सेना के अनेकों सेवानिर्वत्त उच्चाधिकारी रैली के गवाह थे। तत्पश्चात रैलियों का सिलसिला शुरू होने के बाद नरेंद्र मोदी आगे बढ़ते गए। रेवाड़ी जिले से इस जुड़ाव को देखते हुए हरियाणा के लोगों को एम्स के अलावा भी अहीरवाल को भविष्य में कुछ बड़ा तोहफा मिलने की उम्मीद है।
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