जानिए यहां से क्यों हटा दी गई 70 साल पुरानी भगवान हनुमान जी की मूर्ति, वजह है बेहद रोचक

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     जानिए यहां से क्यों हटा दी गई 70 साल पुरानी भगवान हनुमान जी की मूर्ति, वजह है बेहद रोचक

    जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का पहले चरण का काम शुरू हो गया है। पहले चरण में जमीन को समतल करने और बाउंड्रीवाल बनाने का काम होना है। समतलीकरण करने के दो दिन पहले ही कर्मचारियों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया। जिस जगह पर समतलीकरण का काम चल रहा है वहां एक 70 वर्ष पुरानी हनुमान जी की 20 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है और एयरपोर्ट बनाने के लिए इस प्रतिमा को विस्थापित करना अनिवार्य था।

    वहां मौजूद कुछ लोगों ने पहले विरोध तो किया लेकिन फिर वह शांत हो गए। कर्मचारियों ने सूझबूझ दिखाते हुए आस-पास के गांव वालों को इकट्ठा कर उनकी राए ली और जब गांव वाले उनके बात से सहमत हो गए तो हनुमान जी की प्रतिमा को पूरे रीति-रिवाज के साथ उस जगह से हटाने का निर्णय लिया गया।

    जानिए यहां से क्यों हटा दी गई 70 साल पुरानी भगवान हनुमान जी की मूर्ति, वजह है बेहद रोचक

    जेवर के रोही गांव में यह काम चल रहा है। इसमें ग्रामीणों का भी पूरा साथ मिल रहा है। ग्रामीण पूरा सहयोग कर रहे हैं। जेवर के रोही गांव में बनने जा रहे इस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए आवंटित की गई जमीन पर स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा को यहां से विस्थापित कर दिया गया है मगर गांव वालों की मांग के मुताबिक कर्मचारियों ने प्रतिमा को बनवारीवास गांव की ओर खेतों में बसे किसानों को सौंप दिया है।

    जानिए यहां से क्यों हटा दी गई 70 साल पुरानी भगवान हनुमान जी की मूर्ति, वजह है बेहद रोचक

    काम करने के लिए मूर्ति का हटना जरूरी था। आपस में बात – चीत हुई और हुई और मूर्ति को विस्थापित कर लिया गया है। लोगों के मुताबिक वह लोग इस प्रतिमा की पूरी विधि विधान के साथ पूजा करने के बाद उसे यहां स्थापित करेंगे। साल 2024 तक जेवर एयरपोर्ट से पहली हवाई उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी। पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ कब भूमिपूजन करेंगे इसका भी ऐलान कर दिया गया है।

    जानिए यहां से क्यों हटा दी गई 70 साल पुरानी भगवान हनुमान जी की मूर्ति, वजह है बेहद रोचक

    एयरपोर्ट के काम में ग्रामीण भी काफी सहयोग कर रहे हैं। गांव के प्राचीन मंदिर पर तकरीबन 20 फीट ऊंची भगवान हनुमान की मूर्ति थी। इसे तहसील प्रशासन और प्राधिकरण की टीम ने हाइड्रोलिक क्रेनों की मदद से विस्थापित करा दिया है।