स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा और हॉकी टीम के गोलकीपर श्रीजेश ने कौन बनेगा करोड़पति के मंच पर खूब धूम मचाई। दोनों की टीम ने शो में 25 लाख रुपए की राशि जीती, जोकि उन्होंने एक संस्था को दान की। इससे पहले दोनों खिलाड़ियों ने शो में अपने संघर्ष की कहानी भी सुनाई। इतना ही नहीं स्टार जैवलिन थ्रोअर ने अमिताभ बच्चन को हरयाणवी में बोलना भी सिखाया।
खिलाड़ियों द्वारा टोक्यो ओलंपिक में जीते गए मेडल को लेकर अमिताभ बच्चन भावुक हो गए। नीरज चोपड़ा से जब जैवलिन थ्रोअर खेल को ही चुने जाने का कारण पूछा गया तो नीरज ने बताया कि मैं बचपन में बहुत मोटा था और पढ़ाई में भी कोई खास होशियार नहीं था। चाचा द्वारा पूछे जाने पर कि तुझे पढ़ाई करनी है या खेल में जाना है तो मैंने कहा कि मुझे पढ़ाई करनी है।
इस पर हंसते हुए चाचा ने कहा कि पता है कितनी पढ़ाई करेगा। इसके बाद उन्होंने मुझे मोटापा कम करने के लिए स्टेडियम भेज दिया। जब अपने सीनियर को भाला फेंकते हुए देखा तो मुझे ये अच्छा लगा और मैंने भी प्रयास किया। सीनियर जयवीर जोकि सबसे पहले कोच रहे उन्होंने मुझसे अपने साथ आने को कहा।
मुझे नहीं पता था कि एक दिन ओलंपिक खेलूंगा। मैं तो बस सच्चे दिल से खेलता रहा, मेहनत करता है। चूंकि मैं लकी हूं तो परिवार और सीनियर की ओर से हमेशा ही गाइडलाइंस मिलती रहीं और देश के लिए गोल्ड ले आया। श्रीजेश ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि हॉकी को लेकर मैं कभी भी गंभीर नहीं था। लेकिन मुझे बताया गया कि खेलने से ग्रेस मार्क्स मिलते हैं तो किसी न किसी खेल में भाग लेने का मन बना लिया, और हॉकी उठा ली।
हां लेकिन गोलकीपर बनने की कहानी अलग है। हॉकी के मैदान पर मैंने देखा कि गोलकीपर को भागना नहीं पड़ता, वे एक ही जगह पर खड़े रहते हैं। ये काम काफी आसान लगा और गोलकीपर बनने की ठान ली। उन्होंने बताया कि वे तो कभी – कभी गोलपोस्ट से भी बातें करते हैं, क्योंकि वे अकेले खड़े – खड़े बोर हो जाते हैं। उन्होंने गोलकीपर को दोस्त बना लिया, इसलिए जब वे मैच जीते तो गोलपोस्ट पर बैठ गए।
नीरज चोपड़ा ने “मैं और मेरी तनहाई” गीत को हरयाणवी भाषा में सुनाया। अमिताभ बच्चन ने बताया कि उन्होंने एक फिल्म में हरयाणवी बोलने का प्रयास किया था, जोकि कि उनके लिए काफी कठिन रहा। तब नीरज ने अमिताभ का डायलॉग हरयाणवी भाषा में बोला – ये थारे बाप का घर कोणी, थाना है, चुपचाप खड़या रै।
बाद में अमिताभ बच्चन ने भी इस डायलॉग को हरयाणवी में बोला। दोनों यदि एक करोड़ तक की रकम जीतते तो उन्हें एक कार मिलती, लेकिन उन्होंने केवल 25 लाख रूपये ही जीते, जोकि एक सस्ता को दान दे दिए। साथ ही शो का समय भी खत्म हो गया। शो की शुरुआत में सभी ने भारत मां की जय के जयकारे लगाए।