अस्थि विसर्जन करने आया व्यक्ति डूबा यमुना नदी में, बचाव दल की नाव भी पलटी, नदी में बहे लोगों की तलाश जारी

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 अस्थि विसर्जन करने आया व्यक्ति डूबा यमुना नदी में, बचाव दल की नाव भी पलटी, नदी में बहे लोगों की तलाश जारी

हरियाणा के यमुनागर से एक आश्चर्यजनक मामला सामने आया है, जिसमें अस्थि विसर्जन करने आया एक व्यक्ति यमुना में डूब गया तथा उसके साथ बचाव दल के अन्य दो व्यक्ति भी यमुना नदी में डूब गए, जिनकी तलाश अभी भी जारी है। दरअसल अस्थि विसर्जन करने आए व्यक्ति के डूब जाने की सूचना जब मौके पर मौजूद बचाव दल को मिली तो वे उस व्यक्ति को रेस्क्यू करने नाव से नदी में कूद गए।

लेकिन यमुना नदी के तेज बहाव के कारण कुछ दूरी पर पहुंचते ही नाव नदी में ही पलट गई और बचाव दल के लोग स्वयं ही डूबने लगे। लोगों की चीख पुकार के कारण वहां हड़कंप मच गया। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों द्वारा बचाव दल के चार लोगों को बचा लिया गया, जबकि दो लोगों की तलाश अभी भी जारी है। जानकारी के अनुसार पटवारी धर्मेंद्र सिंह सहित बचाव दल के 6 लोग थे। बताया जा रहा है की बचाव दल के लोगों ने खुद भी लाइफ जैकेट नहीं पहनी हुई थी, यही वजह थी कि नाव पलटते ही लोग डूबने लगे।

अस्थि विसर्जन करने आया व्यक्ति डूबा यमुना नदी में, बचाव दल की नाव भी पलटी, नदी में बहे लोगों की तलाश जारी

घटना स्थल पर लोगों का जमावड़ा लग गया। सूचना पाते ही पुलिस और एंबुलेंस भी वहां पहुंच गई। अस्थि विसर्जन करने आए व्यक्ति सहित कुल तीन लोगों को खोजने के लिए सर्च अभियान अभी भी जारी है। डूबने वाले लोगों के परिजन भी वहां पहुंच गए, जिनका रो – रोकर बुरा हाल हो चुका है। अधिकारियों के अनुसार, गुम हुए तीनों लोगों के लिए सर्च अभियान लगातार जारी है। वहीं बाल – बाल बचे पटवारी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें तहसीलदार के आदेश पर बिना लाइफ जैकेट के जाना पड़ा था।

अस्थि विसर्जन करने आया व्यक्ति डूबा यमुना नदी में, बचाव दल की नाव भी पलटी, नदी में बहे लोगों की तलाश जारी

मौत के मुंह से बचे लोगों को उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। पटवारी का कहना है कि उन्हें यमुना नदी में तहसीलदार ने भेजा था। जबकि गणपति विसर्जन समारोह तैनात ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार का कहना है कि उसने किसी को भी नहीं भेजा था। मीडिया द्वारा तहसीलदार से जब सवाल किया गया कि बिना लाइफ जैकेट और अन्य बचाव उपकरणों के उन्होंने बचाव दल को यमुना नदी में जाने के आदेश क्यों दिए, तो तहसीलदार का कहना था कि उन्हें बारे में कोई जानकारी नहीं है व उन्होंने उन्हें नहीं भेजा था।