प्रदेश के कई जिलों में मौसम खुशनुमा बना हुआ है। हरियाणा के आसपास के राज्यों में भारी बारिश हो रही है। मौसम विज्ञानियों ने भी हरियाणा में बारिश की संभावना जताई है। अनुमान है कि हरियाणा में मानसून की विदाई में 10 दिन की देरी संभव मानी जा रही है। वहीं चार दिन अभी कुछ जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
कई जगहों पर लगातार बूंदाबांदी के कारण तापमान कम रहा। ठंडक भी एहसास की गयी। मौसम में आए हालिया बदलाव और मानसून का देरी से आगमन इसकी अवधि बढ़ा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों ने 16 सितंबर को दोबारा मानसून सक्रिय होने की संभावना व्यक्त की थी, जिसके मुताबिक मौसम में बदलाव भी हुआ और बरसात का सिलसिला शुरू हो गया। यह सिलिसला 20 सितंबर तक जारी रहने की संभावना है।
1 जून से 18 सितंबर तक 514.6 एमएम बरसात हो चुकी है, जो 22 फीसदी अधिक है। मौसम विभाग के मुताबिक मौसम में हाल ही में आए बदलाव के कारण इस साल मानसून देरी से जाएगा। जिस साल मानसून देरी से आता है उस वर्ष उसकी विदाई भी देरी से होती है। इस साल समय से पहले तो दस्तक दे दी थी, लेकिन उसकी सक्रियता देरी से हुई थी। हरियाणा सहित पूरे उत्तर भारत में 20 सितंबर तक बरसात होने की संभावना बनी हुई हैं। इससे मानसून की सक्रियता सितंबर आखिरी सप्ताह तक रहने की संभावना है।
प्रदेश में 22 सितंबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है। साल तराई में औसत से 30 प्रतिशत कम बरसात दर्ज की गई है। जून की औसत बारिश 190.7 मिमी है जबकि इस साल 132 मिमी बारिश रिकार्ड हुई। इसी तरह जुलाई की औसत बरसात 440.6 मिमी है। लेकिन इस साल 239.8 मिमी बरसात हुई। अगस्त में भी 452.7 मिमी औसत बरसात हुई, लेकिन इस साल 299.7 मिमी बरसात दर्ज की गई। हालांकि हरियाणा में मानसून काफी मेहरबान रहा है।