पानी से सस्ता है कच्चा तेल, फिर क्यों पेट्रोल 12 दिनों में 6 रुपये से ज्यादा महंगा हुआ, जानिए यहाँ

महामारी कोरोना के कारण विश्वभर में आर्थिक गतिविधियां थमने के बाद पिछले महीने कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई थी | ओपेक (OPEC-Organization of the Petroleum Exporting Countries) देशों जो की कच्चे तेल का उत्पादन करने वाले देशों का संगठन है उनकी की ओर से क्रूड ऑयल का उत्पादन घटने के बाद कीमतों में फिर से तेजी आने लगी है |

पानी से सस्ता है कच्चा तेल, फिर क्यों पेट्रोल 12 दिनों में 6 रुपये से ज्यादा महंगा हुआ, जानिए यहाँ

अंतरराष्ट्रीय मार्किट में कच्चे तेल के दामों में गिरावट आने के बावजूद देश में लगातार पेट्रोल- डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो रही है | तेल कंपनी (एचसीपीएल, बीपीसीएल, आईओसी ) ने लगातार गत दिनों में तेल की कीमतों में इजाफा किया है | दिल्ली में पेट्रोल का भाव बढ़कर बुधवार को 76.73 रुपये प्रति लीटर हो गया और साथ ही डीजल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है, डीजल का दाम 75.19 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया |

ओपेक देशों में ब्रेंट क्रूड के दाम बढ़कर 39 डॉलर प्रति बैरल(1 ट्रक पेट्रोल से भरा हुआ) हो गए हैं | भारत में पेट्रोल की कीमत लगातार तेजी से बढ़ रही हैं | गत 12 दिनों में पेट्रोल 6 रुपये से ज्यादा महंगा हो गया है | विशेषज्ञों ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल अभी भी एक लीटर पानी की पैकेज्ड बोतल से सस्ता है |

बता दें सरकार ने गत दिनों पेट्रोल और डीजल पर एक्साइड ड्यूटी में 3 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया था | इसके बाद भी तेल कंपनियों ने कीमतों में टैक्स नहीं बढ़ाया | इसीलिए अब वो पेट्रोल पर रोजाना दाम बढ़ा रही हैं |

जब से लॉकडाउन ढील मिलना शुरू हुई है तभी से पेट्रोल और डीजल की डिमांड बढ़ी है | रुपये में गिरावट से भी तेल कंपनियों की चिंता बढ़ी है | लॉकडाउन के बीच तेल कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा था | अब वे इसकी भरपाई कर रही है.

इसलिए है पानी से भी सस्ता कच्चा तेल – इन दिनों एक लीटर कच्चे तेल का भाव 39 डॉलर प्रति बैरल है और एक बैरल में 159 लीटर तेल आता है | इस तरह से अगर देखा जाए तो इस समय एक डॉलर की कीमत 76 रुपये है | इस हिसाब से एक बैरल की कीमत 2964 रुपये बैठी और इसे अब एक लीटर में बदलें तो इसकी कीमत 18.64 रुपये के करीब आती है और देश में बोतलबंद पानी की कीमत 20 रुपये के करीब है |

बढ़ती महंगाई और तेल के दाम और कुछ नहीं बस गरीबों के उपर केहर है | लॉकडाउन ने बहुत से लोगों की जहाँ नौकरी छीन ली है साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के मौका भी दिया है | हस्ते – हस्ते जब रास्ते हम काट सकते हैं तो यह तो ज़िन्दगी है रास्तों से बेहद खूबसूरत |

  • Written By Om Sethi
Avinash Kumar Singh

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