हमारे देश में काफो गरीबी है। गरीब तो गरीब होता जा रहा है लेकिन अमीर और भी अमीर होता जा रहा है। हर सरकारी विभाग में इस समय भ्रष्टाचार चरम पर है। बिहार के अफसरों, इंजीनियरों ने तो अवैध कमाई करने में कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। नित नये खुलासे चौंकाने वाले हैं। बिहार में सभी सरकारों के दो दशक तक बेहद दुलरुआ रहे प्रमोटी आईपीएस राकेश दुबे के चार ठिकानों पर छापे के बाद बिहार में काली कमाई का एक नया चेहरा सामने आ गया है।
राकेश दुबे की पूरी सैलरी तो बची रह जाती थी। अपनी सेवा के दौरान वेतन खाते से न के बराबर नकद निकासी की है, पर दिल्ली से लेकर पटना और झारखंड तक प्रोपर्टी खरीद ली।
पैसो के लिये तो सभी नौकरी करते है लेकिन कुछ भ्रष्टाचार के लिए भी करते हैं। दुबे ने कई रियल स्टेट कंपनियों में अपनी कमाई लगा रखी है। अबतक की जांच में राकेश दूबे द्वारा 2,55,49,691 रुपए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के साक्ष्य मिले हैं। राकेश दुबे ने बिहार, झारखंड से लेकर यूपी तक के इंफ्रास्ट्रक्चर आईपीसी, देवघर-रांची, कामिनी इंफ्रास्ट्रक्चर, पाटलिपुत्र बिल्डर, ख्याति कंस्ट्रक्शन, मैक्स ब्लीफ, नोएडा बिल्डकॉन समेत कई अन्य बिल्डर कंपनियों में निवेश किया है।
दुबे ने करोड़ों रुपये ब्याज पर भी लगा रखा है। अवैध बालू खनन में संलिपत्ता के आरोप में फिलहाल वह निलंबित है। फुलवारी शरीफ में डीएसपी पद पर नियुक्ति के दौरान राकेश दुबे ने काफी जमीन खरीदी। सारे जमीन के दस्तावेज मिल गये हैं। बिहार पुलिस सेवा के 42वें बैच के आईपीएस अफसर बने राकेश दुबे के 4 ठिकानों पर छापेमारी की गई। इनमें पटना के एसके पुरी और इंजीनियर नगर में मकानों और फ्लैटों के अलावा झारखंड के जसीडिह स्थित सचिंद्र रेजीडेंसी और उनके पैतृक गांव सिमरिया में छापेमारी की गई।
राकेश दूबे ने अपने पद का दुरुपयोग कर काफी संपत्ति अर्जित की है। उपरोक्त के अतरिक्त बालू माफिया के सहयोग से अवैध बालू खनन कर बेशुमार संपत्ति अर्जित करने वाले अधिकारियों के खिलाफ बिहार में लगातार कार्यवाही जारी है।