सफलता उम्र की मोहताज नहीं होती है। यह बस सच्ची लग्न को देखती है। सफल होने के लिए जूनून होना चाहिए। 10 साल की उम्र में एक बच्चे से उम्मीद की जाती है कि वो स्कूल जाए। अधिक से अधिक अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे और बिना किसी लोड के आगे बढ़े। मगर जलांधर की मिडिल क्लास फ़ैमिली में पैदा हुआ इस उम्र का एक बच्चा अलग ही राह पर चल रहा था।
उसको कुछ ऐसा करना था जो किसी ने नहीं किया हो। कई कोशिशों के बावजूद उसका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था। कम्प्यूटर को लेकर वो इतना दीवाना था कि दूसरे सब्जेक्ट्स की किताब खोलकर देखना उसे पसंद नहीं था।
यही दीवानगी उसे सफलता तक ले गयी। आज वह सफल बच्चा बन चुका है। कम्प्यूटर की दुनिया को ही उसने अपनी दुनिया बना लिया। 8वीं क्लास तक आते-आते इस बच्चे ने तरह-तरह के सॉफ्टवेयर पर काम करना, एनिमेशन, वेब डिजाइन, टेक सिक्योरिटी और एथिकल हैकिंग जैसी स्किल्स सीखने में खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया. महज़ 10 साल की उम्र में इस बच्चे ने अपनी खुद की कंपनी खड़ी कर दी।
बच्चे अपना बचपन खेलकूद करने और पढ़ाई करने में निकाल देते हैं। लेकिन इस बच्चे ने जो कर दिखाया वो बड़े लोग भी नहीं कर पाते। हम Innowebs Tech के CEO तनिश मित्तल के बारे में बात कर रहे हैं। तनिश के पापा नितिन बताते हैं कि सात नवंबर 2005 को पैदा हुआ उनका बच्चा शुरू से ही अलग था। वो खुद कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट थे। सो उनके गुण बेटे में ट्रांसफर होने में ज्यादा वक्त नहीं लगा।
नितिन जब कभी घर पर बैठ कर कम्प्यूटर पर काम किया करते थे, तनिश बहुत हैरानी के साथ उन्हें देखता था। ज्यादातर परिवार वाले बच्चों को पढ़ाई के लिए हमेशा कहते रहते हैं लेकिन यहां मामला एक दम अलग था।