पिता ने मजदूरी करके पढ़ाया तीनों बेटों ने पायलट बन रच दिया इतिहास, यकीन करना मुश्किल लेकिन सच

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     पिता ने मजदूरी करके पढ़ाया तीनों बेटों ने पायलट बन रच दिया इतिहास, यकीन करना मुश्किल लेकिन सच

    किसी का वक्त कब बदल जाये कहना काफी कठिन है। किसी भी समय अच्छे दिन आ सकते हैं। मध्य प्रदेश के अमृतलाल ने इस बात को साबित कर दिया कि नामुमकिन कुछ भी नहीं होता। इंसान अगर ठान ले तो वो कठिन से कठिन लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। मुरैना के रहने वाले अमृतलाल एक समय में दिहाड़ी मजदूर हुआ करते थे। उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला सकें, मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

    उनकी कठिन मेहनत का नतीजा था कि आज उनके बेटे सफल हो गए। अपने बेटों को पढ़ाने के लिए उन्होंने मेहनत-मजदूरी की, कर्ज लिया, इससे भी काम नहीं चला तो उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन तक गिरवी रख दी। नतीजा सबके सामने हैं। आज अमृतलाल के तीनों बेटे पायलट हैं।

    पिता ने मजदूरी करके पढ़ाया तीनों बेटों ने पायलट बन रच दिया इतिहास, यकीन करना मुश्किल लेकिन सच

    अमृतलाल की कहानी पर यकीन करना मुश्किल है। बुलंद हौंसलों से नसीब के आगे घुटने नहीं टेके। जहां उनका बड़ा बेटा अजय अब पिता के साथ मिलकर सस्ता फ्लाइट सिम्युलेटर बना रहा है, ताकि गरीबों के बच्चे पायलट बनने का सपना देख सकें। वहीं उनके दोनों छोटे बेटे अपनी नौकरी में रौशन कर रहे हैं। पने तीन बेटों अजय सिंह जाटव, विजय सिंह और दीपक कुमार को सबकुछ दांव पर लगाकर पायलट बनाया।

    पिता ने मजदूरी करके पढ़ाया तीनों बेटों ने पायलट बन रच दिया इतिहास, यकीन करना मुश्किल लेकिन सच

    पिता की मेहनत को बर्बाद नहीं होने दिया और एक सुन्दर तोहफा उन्होंने अपने बच्चों को दिया। बड़ा बेटा अजय पिता और मां किरन के साथ इस साल जुलाई में भोपाल शिफ्ट हो गया है। वह ड्रोन और सेम्युलेटर बना रहा है। बीच वाला बेटा विजय बैंगलोर में प्राइवेट कंपनी के एयरबस ए-320 प्लेन पर काम करता है। छोटा बेटा दीपक रायबरेली की राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में पायलट की ट्रेनिंग कर रहा है।

    पिता ने मजदूरी करके पढ़ाया तीनों बेटों ने पायलट बन रच दिया इतिहास, यकीन करना मुश्किल लेकिन सच

    आज सभी लोग उनके परिवार में काफी भावुक हैं। उन तीनों का कहना है कि हम भाइयों को पायलट बनाना पिता का सपना था। ये सपना पूरा करने के लिए उन्होंने सबकुछ कुर्बान कर दिया।