आपको बता दें कि गजियापुर के नौवीं कक्षा के छात्र अनिल यादव और आकाश यादव स्कूल से लौटते समय आपस में हंसते हुए घर की तरफ जा रहे थे ,तभी रस्ते में गिरी पैसों कि गड्डी पर उनकी निगाह पड़ी। जब उन्होंने पैसों की गड्डी उठाई और पैसों को गिना तो 8 हजार थे। दोनों चौके और घबरा गए, चारों तरफ देखा तो कोई नहीं था।
पहले तो यह समझ नहीं पाए कि इन पैसों का क्या करना है? उसके बाद दोनों ने तय किया कि अब सारी बात मां को बताएंगे। मां ने संस्कार की सीख दे और दोनों को रुपए जाकर स्कूल के प्रधानाचार्य को देने की सीख दी। साथ ही अनिल और आकाश में मां की बात पर अमल करते हुए सोमवार को प्रधानाचार्य को बताया और उन्हें रुपए सौंप दिए। बच्चों की इमानदारी से खुश होकर विद्यालय प्रबंधन ने उनकी साल भर की फीस माफ करने की घोषणा के साथ ही दोनों को वार्षिक उत्सव में सम्मानित करने का भी निर्णय लिया,उनकी ईमानदारी की इलाके में चर्चा हो रही है।
माता पिता के अच्छे संस्कार, बच्चों के बेहतर भविष्य का निर्माण करते हैं। साथ ही ऐसा ही हुआ पं. मदन मोहन मालवीय इंटर कालेज के कक्षा नौ में पढऩे वाले सिहाबारी गांव के दोनों छात्रों के साथ। साथी अनिल और आकाश दोनों अलग-अलग परिवारों से हैं। और दोनो के पिता परमहंस यादव और आकाश के पिता ऋषिदेव यादव,दोनो ही किसान हैं।
शनिवार को रूपये जो दोनो लडको को गिरे मिले,वह दुल्लहपुर के बखरा गांव निवासी एक व्यक्ति के थे।उस समय हुआ था की उस व्यक्ति ने कुर्ते में रुपये रखे थे जो किसी तरह गिर गए। उसे थोड़ी देर बाद अहसास हुआ तो वह परेशान हो उठा,तभी स्कूल की छूटी हुई थी तो उसने प्रधानाचार्य पारसनाथ राय से मिलकर अनुरोध किया कि अगर किसी छात्र को रुपये मिले हों तो मदद करें। इसी बीच सोमवार को छात्रों ने जब प्रधानाचार्य को रुपये सौंपे तो उन्होंने उस व्यक्ति को बुलाकर दोनों छात्रों की ईमानदारी बताते हुए उसके रुपये लौटौ दिए।