फरीदाबाद के न्यू टाउन रेलवे स्टेशन के पास बसे संजय नगर बस्ती को 29 सितंबर 2021 को रेलवे प्रशासन ने बुलडोजर लेकर रौंद डाला जबकि संजय नगर बस्ती के मजदूर परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ताओं को स्टेट मिल जाने के बावजूद भी रेलवे प्रशासन एवं फरीदाबाद पुलिस प्रशासन ने तनिक भी इंतजार नहीं किया और 480 मजदूर परिवारों को बेदखल कर दिया।
वर्तमान में 200 से ज्यादा जुग्गी या साबुत है किंतु रेलवे प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की कुदृष्टि अभी भी संजय नगर मजदूर बस्ती पर पड़ी हुई है। याचिकाकर्ता दीपक शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के और केक का ऑर्डर आने के बावजूद भी उसके घर को तोड़ दिया और हरियाणा सरकार कोरोना काल में हम सब मजदूरों को मरना चाहती है।
मजदूर आवाज संघर्ष समिति के राष्ट्रीय कन्वीनर निर्मल गोराना ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जब याचिकाकर्ताओं को स्टे दे रखा है और संजय नगर बस्ती के कई परिवार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार फिर से पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में गुहार लगा चुके हैं तो रेलवे प्रशासन को हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहिए ना कि आनन-फानन में मजदूरों के मानवाधिकारों का हनन करते हुए उन्हें बेदखल कर दिया जाए। साथ ही निर्मल गोराना ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को पत्र भेजकर गुहार लगाई है कि हाईकोर्ट के आदेश सोमवार दोपहर तक आने की पूर्ण संभावना है इसलिए रेलवे के अधिकारियों को यह आदेश दिया जाए कि हाईकोर्ट के आदेश के पूर्व किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ न हो। इसी क्रम में मजदूर आवाज संघर्ष समिति ने बेदखल परिवारों को अस्थाई रूप से आश्रय प्रदान करने के लिए तथा उनके उचित पुनर्वास हेतू मांग की।
एडवोकेट नीलम राय ने बताया कि संजय नगर बस्ती में रेलवे द्वारा बेदखल किए परिवारों में से कई बच्चे एवं महिलाए बुखार से पीड़ित है और उन्हें उचित देखभाल की आवश्यकता है क्योंकि गर्भवती महिलाएं एवं धात्री महिलाएं कल रात में हुई बारिश में भीगने की वजह से अस्वस्थ हो गई हैं और प्रशासन तत्काल भोजन एवं पानी की व्यवस्था करे।