इस सितंबर बरसात के कारण शहरवासियों को वायु प्रदूषण से काफी राहत मिली हुई थी। वायु प्रदूषण बोर्ड भी चैन की नींद ले रहा था। बारिश ने हवा में फैले प्रदूषण को धोकर वातावरण को साफ किया था। सितंबर की शुरुआत ही बारिश के साथ हुई थी। सितंबर माह में हुई बारिश ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड भी तोड़े।
लगातार हो रही बारिश ने प्रदूषण के स्तर को काफी नीचे कर दिया। पिछले माह प्रदूषण का स्तर 50 अंक से नीचे रहा जो बेहतर माना जाता है।
लेकिन जैसे ही अक्टूबर की शुरुआत हुई, प्रदूषण का स्तर चढ़ने लगा है। 1 अक्टूबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 90 अंक पर पहुंच गया। गांधी जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर को अवकाश के बावजूद उद्योग चले।
100 के पर पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स
अभी वायु प्रदूषण का स्तर 100 अंक के पर पहुंच गया है। बरसात खत्म होते ही प्रदूषण का स्तर फिर से बिगड़ने लगा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की साइट के अनुसार शनिवार शाम को एयर क्वालिटी इंडेक्स 130 अंक पर पहुंच गया।
100 अंक से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को मॉडरेट स्थिति में गिना जाता है। मौजूदा हालात को देखते हुए आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण की स्थित और अधिक खराब हो सकती है।
प्रदूषण के कारण सील किए उद्योग
शनिवार 2 अक्टूबर को अवकाश के दिन कम वाहन चलते हैं। लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नरेंद्र नगर, बबैल रोड पर कुछ उद्योगों को सील भी किया था। लेकिन उसके बावजूद भी उद्योग चल रहे हैं।
बढ़ाई जाएगी उद्योगों की मॉनिटरिंग
बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कमलजीत ने बताया कि उनके द्वारा बिजली निगम को सील किए गए उद्योगों के कनेक्शन काटने के लिए आदेश दिए गए हैं। उद्योगों की मॉनिटरिंग भी बढ़ाई जाएगी।